आतंकवादी संगठन हमास नियंत्रित गाजा पट्टी पर इजरायल लगातार एयरस्ट्राइक कर रहा है, जिसमें इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन के एक वरिष्ठ कमांडर समेत अब तक 24 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 6 बच्चे भी शामिल हैं। इजरायल शुक्रवार से ही लगातार गाजा के अलग अलग शहरों पर स्ट्राइक कर रहा है, खासकर गाजा के तटीय शहर सबसे बड़ा टारगेट है। गाजा पर भीषण बमबारी के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री यैर लैपिड ने फिलीस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) को ‘एक ईरानी प्रॉक्सी कहा, जो इजरायल राज्य को नष्ट करना चाहता है’, बताया है। ऐसे में सवाल ये उठता है, कि हमास के रहते ‘इस्लामिक जिहाद’ संगठन कहां से आ गया? ये हमास से कितना अलग है और सबसे बड़ा सवाल, इजरायल के लिए ये इतना घातक क्यों है, जिसे जड़ से उखारने की कोशिश इजरायली सेना कर रही है?
क्या है इस्लामिक जिहाद संगठन
हालांकि, इस्लामिक जिहाद के पास हमास के जितना लंबी दूरी तक मार करने वाले रॉकेट नहीं हैं और हमास ही गाजा को नियंत्रित भी करता है, लेकिन पीआईजे के पास छोटे हथियारों, मोर्टार, रॉकेट और टैंक-रोधी मिसाइलों का एक महत्वपूर्ण शस्त्रागार और अल-कुद्स ब्रिगेड नामक एक सक्रिय सशस्त्र विंग है। दोहा संस्थान के इब्राहिम फरहत ने अल जज़ीरा को बताया कि, “इस्लामिक जिहाद को खास तौर पर शांति प्रक्रिया को भंग करने वाला माना जा रहा है और ये शांति प्रक्रिया का विरोध भी करता है और इजरायल के साथ किसी भी तरह की बातचीत का विरोध करता है और यह हमास की तरह ही इजरायल के ‘कब्जे’ के खिलाफ सशस्त्र विरोध चलाता है’। उन्होंने कहा कि, इस्लामिक जिहाद को ईरान का काफी करीबी सहयोगी है और ईरान के साथ काफी अच्छे संबंध होने की वजह से ही इजरायल और भी घातक हमले कर रहा है’।
इस्लामिक जिहाद का उदय
हालांकि, फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद की स्थापना 1981 में मिस्र में फ़िलिस्तीनी छात्रों द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य कब्जे वाले वेस्ट बैंक, गाज़ा और अब इज़राइल के अन्य क्षेत्रों को मिलाकर एक फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना करना था। इस्लामिक जिहाद गाजा पट्टी में दो मुख्य फिलिस्तीनी समूहों में से छोटा है, और हमास की तुलना में इसके पास जिहादियों की संख्या भी कम है। इब्राहिम फ्रैहाट ने अल जज़ीरा को बताया कि, ‘हालांकि यह एक छोटा समूह है, लेकिन, इस्लामिक जिहाद बहुत कुशल और अत्यधिक संगठित है। पार्टी के भीतर ही एक मजबूत अनुशासन है और अपने छोटे आकार के बावजूद इसने इज़राइल के साथ सभी टकरावों में भाग लिया है।”
मारा गया मुख्य कमांडर
फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद इजरायली सेना के साथ टकराव में प्रेरक शक्ति बन गया है। शुक्रवार के हवाई हमलों में इस्लामिक जिहाज का प्रमुख कमांड इजरायल पर हमला करने में काफी आगे रहने वाले उत्तरी क्षेत्र के कमांडर तैसिर अल-जबरी की मौत हो गई है। सीआईए की वर्ल्ड फैक्टबुक के अनुसार, पिछले साल अनुमान था, कि इस संगठन के पास करीब एक हजार लड़ाके हो सकते हैं, लेकिन अब इसके पास कई हजार लड़ाके होने का अनुमान लगाया गया है और पीआईजे की सदस्यता का पता लगाना मुश्किल है। वहीं, हमास, जिसने 2009 से इज़राइल के साथ पांच युद्ध लड़े हैं, और PIJ दोनों को पश्चिम द्वारा “आतंकवादी संगठनों” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। दोनों को ईरान से धन और हथियार मिलते हैं, और पीआईजे नेता ज़ियाद अल-नखला ने हमलों के दिन ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से मुलाकात की थी। वहीं, हमास के विपरीत, पीआईजे चुनाव में शामिल होने से इनकार करता है और ऐसा लगता है कि गाजा या वेस्ट बैंक में सरकार बनाने की उसकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है।
ट्रेनिंग और फंडिंग
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक जिहाद को प्रशिक्षण, विशेषज्ञता और धन की आपूर्ति ईरान करता है, लेकिन ये समूह अपने ज्यादातर हथियारों का निर्माण स्थानीय तौर पर ही करता है। हालांकि, इसका बेस गाजा में है, लेकिन, इस्लामिक जिहाद का लेबनान और सीरिया में भी नेतृत्व है, जहां यह ईरानी अधिकारियों के साथ इसके घनिष्ठ संबंध हैं। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के प्रमुख ने शनिवार को कहा कि इजरायल के खिलाफ लड़ाई में फिलिस्तीनी “अकेले नहीं” हैं। मेजर-जनरल होसैन सलामी ने कहा कि, “हम अंत तक इस रास्ते पर आपके साथ हैं, और फिलीस्तीन और फिलिस्तीनियों को बताएं, कि वे अकेले नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि, इज़राइल को हाल के अपराध के लिए एक और भारी कीमत चुकानी होगी”।
कमांडरों का सफाया कर रहा है ईरान
साल 2019 में इजरायल ने इस्लामिक जिहाद के बड़े कमांडर बहा अबू अल-अट्टा को मार गिराया था और अब इस्लामिक जिहाद के एक और कमांडर अल-जबरी को भी इजरायली सेना ने मार गिराया है। अल-अट्टा की हत्या गाजा पट्टी में 2014 के युद्ध के बाद से इजरायली सेना द्वारा इस्लामिक जिहाद के आंकड़े की पहली हाई-प्रोफाइल हत्या थी। 50 वर्षीय अल-जबारी इस्लामिक जिहाद की “सैन्य परिषद” का सदस्य था, जो गाजा में इस समूह की निर्णय लेने वाली संस्था थी। वह इजरायली बलों द्वारा 2021 के हमले के दौरान गाजा शहर और उत्तरी गाजा पट्टी में इस्लामिक जिहाद गतिविधियों का प्रभारी था, जब 11 दिनों की लड़ाई के दौरान गाजा में कम से कम 260 लोग मारे गए थे और इजरायल में 13 लोग मारे गए थे।
वेस्ट बैंक में है महत्वपूर्ण मौजूदगी इस्लामिक जिहाद वेस्ट बैंक शहर जेनिन में एक महत्वपूर्ण उपस्थिति रखता है, जहां पिछले हफ्ते स्ट्राइक के दौरान वरिष्ठ नेता बासम अल-सादी को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने विदेशों में रहने वाले इस्लामिक जिहाद के नेताओं को निशाना बनाने की धमकी दी और इज़राइल ने शनिवार को कहा कि, उसने वेस्ट बैंक के कब्जे वाले समूह के 19 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। फरहत ने बाताया कि, पिछले पांच महीने के दौरान इस्लामिक जिहाद यानि पीआईजे ने इजरायल के भीतर हमलों को उकसाया है, जिसके बाद इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक शहर में छापेमारी की और इस्लामिक जिहाद के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया और कई सदस्यों को मार गिराया। इब्राहिम फरहत ने कहा कि, “वेस्ट बैंक में इसकी उपस्थिति है और गाजा के समान ही उपस्थिति है, हालांकि, ये बात उसके आकार के बारे में नहीं, बल्कि उसकी शक्ति, दक्षता और इजरायल के साथ टकराव में सैन्य रूप से शामिल होने की क्षमता के बारे में है। और इसी कारण से, इज़राइल वेस्ट बैंक में उसके नेताओं को गिरफ्तार करने और इस्लामिक जिहाद को आगे बढ़ाने वाली किसी भी कार्रवाई को रोकने की कोशिश कर रहा है।
नेताओं की गिरफ्तारी अल-जबरी की हत्या इस सप्ताह की शुरुआत में 62 वर्षीय बासम अल-सादी की इजरायली सेना द्वारा गिरफ्तारी के बाद हुई है। अल-सादी ने इस्लामिक जिहाद सदस्य होने के नाते इजरायल की जेलों में 15 साल बिताए हैं। इजरायसी हमले में अल-सादी के दोनों बेटे मारे साल 2002 में ही अलग अलग घटनाओं में मारे जा चुके हैं और वो दोनों भी इस्लामिक जिहाद के ही सदस्य थे और उसी वर्ष जेनिन के कब्जे वाले वेस्ट बैंक शहर में एक भीषण लड़ाई के दौरान इजरायली सेना ने उसके घर को नष्ट कर दिया था।
क्या है इस्लामिक जिहाद का गेम प्लान इस्लामिक जिहाद के नेता ज़ियाद अल-नखला ने तेल अवीव और अन्य शहरों को निशाना बनाने सहित घातक बमबारी के लिए इज़राइल के खिलाफ बदला लेने का वादा किया है। तेल अवीव में शनिवार की रात विस्फोटों की एक श्रृंखला सुनी और देखी गई है, जिसे इजरायली आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने उड़ा दिया। अल-नखला ने कहा कि, “ज़ायोनी दुश्मन ने इस आक्रमण की शुरुआत की और उसे हमसे बिना रुके लड़ने की उम्मीद करनी चाहिए … इस बमबारी के बाद संघर्ष कहां खत्म होगा, कोई नहीं जानता और इस लड़ाई में कोई लाल रेखा नहीं है… तेल अवीव भी प्रतिरोध की मिसाइलों के लक्ष्यों में से एक होगा … जैसा कि सभी ज़ायोनी शहर होंगे।”