दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन की आग अब राजनीतिक रूप लेता नजर आ रहा है। दरअसल, इस किसान आंदोलन को कई राजनीतिक दल अपना समर्थन देते हुए मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर हैं। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने मोदी सरकार को अल्टीमेटम देते हुए साफ़ शब्दों में कहा है कि या तो मोदी सरकार कृषि कानूनों को रद्द करे या फिर सत्ता से बाहर जाए।
ममता ने मोदी सरकार पर बोला बड़ा हमला
पश्चिम मिदनापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी के कुशासन पर शांत रहने या उसको सहने की बजाय जेल में रहना पसंद करेंगी।
उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार जल्द ही कृषि कानून वापस ले या सत्ता से बाहर जाए। किसानों के अधिकारों का हनन करने के बाद उसे सत्ता में नहीं रहना चाहिए। इस दौरान उन्होंने बीजेपी को बाहरी लोगों की पार्टी करार दिया है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा कि वह कभी बंगाल पर भगवा दल का कब्जा नहीं होने देंगी और साथ ही लोगों से अपील की कि वे राज्य में ऐसे प्रयासों का विरोध करें।
ममता बनर्जी ने उनकी पार्टी के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद अगले साल जून के बाद भी मुफ्त में राशन देने की घोषणा की। पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।
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इसके पहले भी ममता बनर्जी ने किसान आंदोलन को हथियार बनाते हुए केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांगें न मानने पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने इस ट्वीट में लिखा था कि मैं किसानों, उनके जीवन और आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं। भारत सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना चाहिए। अगर ऐसा तुरंत नहीं किया जाता है, तो हम पूरे राज्य और देश में आंदोलन करेंगे। हम इन किसान विरोधी कानूनों का कड़ा विरोध करते हैं।