नाव से ही आए थे हथियार और कसाब…क्या रायगढ़ के रास्ते 26/11 दोहराने की साजिश?

महाराष्ट्र के रायगढ़ में दो संदिग्ध नावों में मिलीं एके-47 के बाद पुलिस ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। मामला सामने आने के बाद 26/11 जैसे आतंकी हमले की साजिश की चर्चा होने लगी। दरअसल 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में नाव के जरिए ही दहशतगर्द शहर में घुसे थे। उस वक्त इतने बड़े हमले के पीछे पुलिस और इंटेलिजेंस चूक को कारण माना गया था। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां इस बार पूरी तरह चौकन्नी हैं।

पुलिस के मुताबिक, रायगढ़ के रिहरेश्वर समुद्र तट पर दो संदिग्ध बोट मिली है, जिस पर तीन एके-47 रखी हुई थीं। इसके अलावा जिलेटिन की छड़ें और कारतूस भी रखे मिले। त्योहारों के मौसम में मुंबई के पास हुई इस घटना से एजेंसियां अलर्ट हैं। नाव को जब्त करके जांच की जा रही है। वहीं महाराष्ट्र के 720 किमी लंबे समुद्री किनारे पर भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

नाव पर कोई व्यक्ति मौजूद नहीं

पुलिस के अनुसार, रायगढ़ में कुल दो बोट मिली हैं। पहली श्रीवर्धन तहसील के हरिहरेश्वर बीच पर और दूसरी भरण खोल के किनारे पर। हरिहरेश्वर बीच पर जब्त हुई नाव में 3 AK 47 मिलीं। जबकि दूसरी बोट में लाइफ जैकेट और कुछ डॉक्यूमेंट थे। इसके बाद जिले में अलर्ट जारी किया गया है। नाव में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था।

शुरुआती जांच में आतंकी ऐंगल नहीं

इस बीच जब्त हुई नाव पर जिस कंपनी का स्टिकर लगा है, उसका कहना है कि कुछ दिन पहले अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में उसने अपने नाव के डूबने की जानकारी दी थी। कंपनी समुद्री सुरक्षा के काम से जुड़ी हुई है और बताया जा रहा है कि जब्त हुई नाव में मिले हथियार उसी के हैं। महाराष्ट्र पुलिस, एटीएस और क्राइम ब्रांच इस तथ्य की तस्दीक कर रहे हैं। शुरुआती जांच में अब तक किसी आतंकी ऐंगल की बात सामने नहीं आ रही है।

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26/11 हमला- नाव से मुंबई में घुसे थे आतंकी

26/11 मुंबई हमलों की छानबीन में सामने आया था कि 10 हमलावर कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई घुसे थे। इस नाव पर चार भारतीय भी सवार थे जिन्हें किनारे तक पहुंचते-पहुंचते खत्म कर दिया गया था। इसके बाद ये हमलावर कोलाबा के पास कफ परेड के मछली बाजार में उतरे और वहां से चार ग्रुप में बंट गए थे। इसके बाद उन्होंने मुंबई में तबाही मचाई थी।

आतंकियों की संदिग्ध हरकतों से कुछ मछुआरों को शक हुआ था और उन्होंने पुलिस को जानकारी दी थी लेकिन इलाके की पुलिस ने खास तवज्जो नहीं दी और न ही बड़े अधिकारी या खुफिया बलों को जानकारी दी थी।