मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। जहां एक युवक ने कर्ज चुकाने के लिए अपने ही शव को बेचने की बात कह दी। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के मातगुवां में रहने वाले एक युवक ने बिजली का बकाया बिल न भर पाने के तनाव के चलते अपनी जान दे दी।

बता दें कि 35 साल के इस युवक ने बिजली विभाग की प्रताड़ना से परेशान हो कर फांसी लगा कर खुदख़ुशी कर ली। आत्महत्या करने के पहले युवक ने पीएम मोदी के नाम 7 पन्ने का सुसाइड नोट भी लिखा है। जिसमें उसने कहा कि मैं आपकी सरकार से संतुष्ट हूं। लेकिन आपके निचले स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से खुश नहीं हूं।
युवक ने अपने इस सुसाइड नोट में आगे लिखा कि बिजली विभाग का मुझे करीब 80 हजार का बकाया बिल देना है, कोरोना महामारी और आर्थिक और पारिवारिक स्थिति ठीक न होने की वजह से मैं यह बिल चुका नहीं पाया। फिर बिजली विभाग के कर्मचारी आये और मेरी चक्की, मोटर और मोटरसाइकिल उठाकर ले गये। इतना ही नहीं गांव के लोगों के सामने मुझे खूब बेइज्जत भी किया। ये प्रताड़ना मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया और आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत के बाद मेरा शरीर अधिकारियों को दे देना जिससे वो शव के टुकड़े- टुकड़े बेचकर अपना पैसा वसूल कर लें।
युवक के यह सुसाइड नोट पढ़ने के बाद पुलिस भी सकते में है और मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि मुनेंद्र राजपूत ने अपने खेत के पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी की है। पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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बता दें कि एसपी छतरपुर सचिन शर्मा ने बताया कि मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि बिजली विभाग ने अपने बकाया की वसूली के लिये उसके भाई को गांव में खूब प्रताड़ित किया और उसकी बेज्जती की, जिसकी वजह से उसका भाई सदमे था और उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
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