चुनावी साल में मोदी सरकार का बजट मंगलवार को पेश हो रहा हैं। केंद्रीय सहायता की मदद से अर्थव्यवस्था और विकास के लक्ष्यों को छूने का प्रयास कर रहे उत्तराखंड को बजट से काफी उम्मीदें हैं। मोदी सरकार राज्य के चारों धामों को सड़क और रेल से जोड़ने का वादा कर चुकी है। ऐसे में अगर केंद्र पोषित योजनाओं का बजट बढ़ता है तो इससे उत्तराखंड को बड़ी राहत मिल सकेगी।

बजट में चारधाम रेल परियोजना और राज्य में अवस्थापना विकास जुड़ी योजनाओं के लिए बजटीय प्रावधान की उम्मीदें हैं। कोरोना महामारी की चुनौती के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार से जुड़ी योजनाएं और केंद्र पोषित योजनाओं में बजटीय प्रावधानों में संभावित बढ़ोतरी उत्तराखंड राज्य के लिए बड़ी राहत हो सकती है।
2025 में देश का अग्रणी राज्य बनाने का वादा
पीएम मोदी राज्य के लोगों से यह वादा कर चुके हैं कि डबल इंजन के दम से उत्तराखंड 2025 में देश का अग्रणी राज्य बनेगा। अब राज्य के लोगों की निगाहें मोदी सरकार के बजट पर है कि वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से उत्तराखंड के लिए कौन सी सौगातें मिलने जा रही हैं, जो इस पर्वतीय राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में मददगार साबित होंगी।
बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन
चारधाम रेल कनेक्टिविटी के साथ ही बागेश्वर टनकपुर ब्रॉडगेज रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए भी मोदी सरकार से बजट की सौगात मिलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री इस परियोजना के बारे में एलान कर चुके हैं। रेल परियोजना के सर्वे के लिए बजट जारी हो चुका है।
एम्स का सेटेलाइट सेंटर
ऊधमसिंह नगर जिले में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सेटेलाइट सेंटर की स्थापना के लिए बजट में वित्तीय प्रावधान की उम्मीद की जा रही है।
केंद्रीय मदद से ही मिलती है आक्सीजन
उत्तराखंड राज्य के विकास में केंद्रीय सहायता की अहम भूमिका है। वित्त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में केंद्रीय करों में राज्य सरकार को 7440 करोड़, केंद्रीय सहायता अनुदान मद में 20662 करोड़ और अन्य मदों में वित्तीय सहायता मिलती है। वित्तीय वर्ष के दौरान केंद्र से 28 हजार करोड़ रुपये की सहायता का अनुमान है।
इस लिहाज से केंद्रीय सहायता राज्य के लिए आक्सीजन से कम नहीं। आर्थिक जानकारों के मुताबिक, केंद्रीय योजनाओं में यदि बजटीय प्रावधान बढ़ेगा तो इसका लाभ उत्तराखंड को भी होगा। राज्य सरकार भी अवस्थापना विकास से जुड़ी योजनाओं में बजटीय सहायता की उम्मीद कर रही है। सचिव वित्त अमित सिंह नेगी कहते हैं, आम बजट में यदि नई योजनाओं और अवस्थापना विकास से जुड़े बड़ी योजनाओं में आवंटन बढ़ता है तो उसका लाभ मिलता है।
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अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए एमएसएमई को मिले बजट में राहत
कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच मंगलवार को पेश हो रहे केंद्रीय बजट से उद्यमियों ने कई उम्मीदें लगाई हैं। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई), नवाचार उद्यमिता को टैक्स छूट और प्रोत्साहन के साथ ही निवेश को बढ़ावा देने के लिए अवस्थापना विकास को लेकर बजट से उम्मीदें की जा रही है।
सीआईआई के क्षेत्रीय निदेशक सुमनप्रीत सिंह का कहना है कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए अवस्थापना विकास जरूरी है। सरकार को बजट में नए औद्योगिक क्षेत्रों के अवस्थापना विकास के लिए विशेष व्यवस्था करने की जरूरत है। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने की जरूरत है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में स्वास्थ्य क्षेत्र की हिस्सेदारी काफी कम है।
इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि कोविड महामारी से एमएसएमई को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है। केंद्र सरकार को बजट में एमएसएमई के लिए टैक्स और ब्याज में छूट देना चाहिए। साथ ही पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की जरूरत है।
वेंचर कैटलिस्ट के उपाध्यक्ष अनिल तनेजा का कहना है कि स्टार्टअप इको सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए बजट में नवाचार उद्यमियों को टैक्स छूट और अन्य प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। 2021 में प्रदेश में स्टार्टअप सेक्टर में 6 लाख करोड़ का निवेश हुआ है। बजट में स्टार्टअप को प्राथमिकता देने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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