बीते 14 सितंबर को हाथरस के बूढ़ीगढ़ी गांव में हुए 19 साल की दलित युवती के गैंगरेप के मामले में उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दाखिल कर दिया है। गुरूवार को होने वाली सुनवाई से पहले सर्वोच्च अदालत में दाखिल किये अपने इस हलफनामें में यूपी सरकार ने अदालत से आग्रह किया है कि वह खुद सीबीआई जांच की निगरानी करे और जांच की समय सीमा भी तय करे।

दरअसल, बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले में दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार से तीन सवाल पूछे थे। इन सवालों में पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा, पीड़ित परिवार के वकील की नियुक्ति और मुकदमे की मौजूदा स्थिति का जिक्र किया गया था।
बुधवार को योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इन सवालों पर अपना हलफनामा दर्ज करा दिया है। अपने जवाब में सरकार ने कहा है कि उसने पीड़ित पक्ष के गांव और घर पर पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई है। पुलिस और राज्य अर्धसैनिक बलों की कई टीमें नियुक्त की गई हैं। घर के बाहर राज्य पीएसी की एक टीम स्थाई रूप से कैंप कर रही है। पीड़िता के पिता, मां, 2 भाइयों, भाभी और दादी को निजी सुरक्षाकर्मी भी दिए गए हैं। घर के बाहर फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी स्थाई रूप से तैनात है। घर के बाहरी हिस्से में 8 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि परिवार की निजता का कोई उल्लंघन न हो।
यूपी सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया है कि पीड़ित परिवार ने अपनी तरफ से वकील सीमा कुशवाहा और राज रतन को नियुक्त किया है। दोनों उनके लिए पेश हो रहे हैं। इसके साथ ही योगी सरकार ने यह भी कहा कि वह पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए गंभीर है।
केवल इतना ही नहीं, सूबे की योगी सरकार ने उच्चतम अदालत से आग्रह भी किया है कि मामले में हो रही सीबीआई जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट ही करे और जांच की समय सीमा तय की जाए। सीबीआई से कहा जाए कि वह हर 15 दिन में राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दे। इस रिपोर्ट को यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करती रहेगी।
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