उत्तर प्रदेश सरकार घरेलू उत्पीड़न, एसिड अटैक और शोषण की शिकार हुई महिलाओं को रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही है। सरकार द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान और अन्य योजनाओं से महिलाओं और बेटियों को मदद मिल रही है।
उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं की जिन्दगी को संवारने के लिए प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश के बालगृहों में मिशन शक्ति के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इससे नारी निकेतन, बालगृहों में आश्रित महिलाएं व किशोरियां रोजगार की मुख्यधारा से जुड़ रहीं हैं।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वृहद् अभियान ‘मिशन शक्ति’ के जरिए महिलाओं व बेटियों के कदम विकास पथ की ओर बढ़ रहे हैं। पीड़ित महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से वन स्टॉप सेंटर के जरिए शोषण का शिकार हुई महिलाओं की काउंसलिंग कर उनको रोजगार से जोड़ा जा रहा है।
वन स्टॉप सेंटर से पीड़िताओं को मिली मदद
राजधानी लखनऊ के वन स्टॉप सेंटर से अब तक लगभग 500 से अधिक शोषण का शिकार हुई महिलाओं व किशोरियों को मदद दी जा चुकी है। लाभार्थिनी छाया ने बताया सेंटर के जरिए मुझे मदद मिली। सेंटर में कांउसलिंग के बाद मुझे मेरी रूचि के अनुसार प्रोफेशनल कोर्स करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके बाद मैंने बैंगलोर से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया और आज आगरा के एक नामचीन होटल में जॉब कर रही हूं।
घरेलू उत्पीड़न की शिकार हुई सुमित्रा ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर से मुझे काफी मदद मिली है। काउंसलिंग के बाद मुझे रेस्क्यू टीम में नियुक्त किया गया आज मैं अपनी जैसी तमाम महिलाओं की मदद कर पा रही हूं।
सेंटर में दिया जा रहा प्रशिक्षण
वन स्टॉप सेंटर की इंचार्ज अर्चना सिंह ने बताया कि महिलाओं व बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योगी सरकार की योजनाएं कारगर साबित हो रही हैं। प्रदेश के सभी जनपदों में संचालित सखी सेंटर से पीड़िताओं को सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन महिलाओं और बेटियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण, सिलाई समेत अन्य रोजगार के साधनों के लिए सेंटर में प्रशिक्षित किया जा रहा है।