एनआईए के बाद यूपी एटीएस ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। मेरठ और वाराणसी में छापा मारकर एटीएस ने पीएफआई के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से कई ‘आतंकी’ गतिविधियों के सबूत मिले हैं।
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को पीएफआई के चार सदस्यों को शामली, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर और मेरठ से गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने ‘गजवा-ए-हिंद’ से संबंधित साहित्य भी बरामद किया और गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से बरामद पेन ड्राइव में आईएस और कश्मीरी मुजाहिद से संबंधित वीडियो पाए गए हैं।
आरोपियों की पहचान शादाब अजीज कासमी, मुफ्ती शहजादा, मौलाना साजिद और इस्लाम कासमी के रूप में हुई है। एटीएस अधिकारियों को जानकारी मिली कि पीएफआई और अन्य मुस्लिम संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। ये 2047 तक भारत को ‘गज़वा-ए-हिंद’ में बदलने की साजिश रच रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो आरोपियों का लक्ष्य 2047 तक शरीयत लागू करना था। आरोपियों ने कहा कि उन्होंने केरल के मंजिरी में शिविरों का दौरा किया था। जहां जूडो, कराटे और हथियारों का पीएफआई शिविरों में प्रशिक्षण लिया था। आरोपियों में से एक मोहम्मद शादाब अजीज कासमी एसडीपीआई के पश्चिमी उत्तर प्रदेश विंग का महासचिव था। यूपी एटीएस ने छापे के दौरान सात दस्तावेज फाइलें, 11 वीडियो, पेन ड्राइव से 179 भड़काऊ तस्वीरें और इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संबंधित साहित्य भी बरामद किया है।
इन आरोपियों के खिलाफ मेरठ के थाना खरखोदा में धारा-120बी, 121ए, 153ए, 295ए, 109, 505(2) आईएमडी और धारा 13(1)(बी) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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वाराणसी
वाराणसी से यूपी एटीएस ने दो पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। वाराणसी के कज्जाकपुरा में ये गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान जैतपुरा कच्ची बाग निवासी रिजवान और आदमपुर के मोहम्मद शाहिद के रूप में हुई है। एटीएस की जांच से पता चला है कि वाराणसी में पीएफआई के कम से कम 23 सक्रिय सदस्य हैं और 100 से अधिक लोग परोक्ष रूप से संगठन से जुड़े हैं। एटीएस ने गहन पूछताछ के बाद सभी छह आरोपियों को यूपी पुलिस के हवाले कर दिया है। उन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।