मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों को हथियार बनाकर भाजपा लगातार महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रही थी। अब जब अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है तो भाजपा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की नैतिकता पर सवाल उठाने लगी है। इसी कड़ी में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि उद्धव ठाकरे की नैतिकता कहां है?
केंद्रीय मंत्री ने पूछे कई सवाल
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने तो नैतिकता का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया, किंतु उद्धव ठाकरे की नैतिकता कहां है। उन्होंने कहा कि आखिर ठाकरे ने अब तक मौन क्यों साधे रखा है? वह कब बोलेंगे?
रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सिर्फ मुंबई से 100 करोड़ की वसूली की मांग थी तो फिर पूरे महाराष्ट्र से कितना मिलता है। इतना ही नहीं, अगर महाराष्ट्र की महा अघाड़ी सरकार के गृहमंत्री का टारगेट 100 करोड़ था तो बाकि के मंत्रियों को कितने का टारगेट दिया गया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में एएसआई सचिन वाझे की परत-दर-परत सामने आ रही है और वाझे की रोज नई गाड़ियों का खुलासा हो रहा है। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ वसूली कांड में कोर्ट ने माना है कि मामला गंभीर है और अनिल देशमुख मामले में शामिल हैं। इसके पश्चात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के बाद अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री ठाकरे को इस्तीफा सौंपा है।
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केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि देशमुख किसके लिए 100 करोड़ की वसूली कर रहे थे, पार्टी के लिए या अपने लिए। यह बात ठाकरे को बतानी चाहिए। वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो।