केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि आज उत्पादकता को गति देने के साथ-साथ फसल प्रबंधन करना और किसानों की आय बढ़ाना ही केंद्र सरकार का प्रमुख उद्देश्य है। केंद्रीय मंत्री तोमर ने शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित एग्रीविजन के पांचवे राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्धाटन करने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए यह बयान दिया।

केंद्रीय मंत्री ने कृषि सुधार कानून पर जताया भरोसा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में लंबे समय से कृषि के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। किसान अपनी उपज मनचाहे स्थान पर, मनचाहे दाम पर बेच सके और वह महंगी फसलों को उगाकर अपनी आय बढ़ा सकें, इसके लिए जो कानूनी आवश्यकताएं थी, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कृषि सुधार कानून बनाकर पूरा किया है।
कृषि सुधार कानूनों को निरस्त कराने को लेकर चल रहे आंदोलन पर सवाल खड़े करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति और विरोध का अपना स्थान है और मतभेद का भी महत्व है, लेकिन क्या ये विरोध देश के नुकसान की कीमत पर किया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि आज जो आंदोलन चल रहा है वह किस तरह से किसानों का भला कर सकता है, इस पर आंदोलनकारी नेता बात करने को तैयार नहीं हैं।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर उन्होंने स्वयं किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से 12 बार लंबी चर्चा की। कई आवश्यक विषयों पर संशोधन का प्रस्ताव भी दिया। लोकसभा और राज्यसभा में भी सरकार के पक्ष को रखा। इस दौरान किसी ने भी कृषि सुधार बिलों में किन बिंदुओं पर आपत्ति है या इनमें क्या कमी है, यह नहीं बताया।
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कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कृषि छात्रों के आयाम एग्रीवीजन के द्वारा कृषि, कृषि छात्रों की समस्याएं एवं शोध की दिशा में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गांव एवं कृषि आधारित अर्थव्यवस्था हमारी रीढ़ है। हर मंदी व प्रतिकूलता में भी भारत की गांव आधारित अर्थव्यवस्था व खेती ने देश को संबल दिया है।
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