फिर गर्म हुआ उदय प्रताप कॉलेज मामला, मुस्लिमों ने दिखाई अपनी ताकत तो सैकड़ों छात्रों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज के सैकड़ों छात्र मंगलवार को परिसर में एक मस्जिद के पास एकत्र हुए और हनुमान चालीसा का पाठ किया। शुक्रवार को बड़ी संख्या में मुसलमानों के एक समूह द्वारा मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद यह घटनाक्रम हुआ, जिससे इसकी जमीन के स्वामित्व को लेकर विवाद फिर से शुरू हो गया।

छह साल पहले, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कॉलेज परिसर के एक हिस्से पर दावा किया था, जहां मस्जिद स्थित है। प्रिंसिपल डीके सिंह ने कहा कि कॉलेज ने कुछ दिनों के भीतर ही दावे को खारिज करते हुए जवाब दिया था और कहा था कि कॉलेज की पूरी जमीन एक बंदोबस्ती ट्रस्ट की है।

सैकड़ों छात्र लगा रहे थे जय श्रीराम के नारे

मंगलवार को वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट किया कि दिसंबर 2018 में कॉलेज को जारी किया गया नोटिस 2021 में रद्द कर दिया गया था। इस बीच, परिसर में भारी पुलिस बल और पीएसी के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी छात्रों को मस्जिद तक पहुंचने से रोकने के लिए मौजूद थे, लेकिन भीड़ ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए बैरिकेड्स और सुरक्षा घेरे को तोड़ने में कामयाब रही।

छात्रों ने दूर से ही किया हनुमान चालीसा का पाठ

एसीपी (कानून और व्यवस्था) एस चिनप्पा ने उन्हें मस्जिद की ओर बढ़ने से रोकने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए। हालांकि, डीसीपी (वरुणा जोन) चंद्रकांत मीना ने कहा कि छात्रों ने दूर से हनुमान चालीसा का पाठ किया।

कॉलेज सूत्रों के अनुसार, आमतौर पर मस्जिद में 10-20 मुसलमान नमाज़ अदा करते हैं। हालाँकि, पिछले हफ़्ते सोशल मीडिया पर वक्फ बोर्ड का 2018 का नोटिस सामने आया, जबकि वक्फ बिल पर देश भर में बहस चल रही थी, जो वर्तमान में संयुक्त संसदीय समिति की जांच के अधीन है। पिछले शुक्रवार को 400 से ज़्यादा मुसलमान मस्जिद में नमाज़ अदा करने के लिए परिसर में इकट्ठा हुए, जिससे तनाव पैदा हो गया, जिसके बाद पुलिस वहाँ पहुँची।

बोर्ड ने रद्द कर दी थी वक्फ संपत्ति बताई जाने वाली नोटिस

नमाज अदा करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने को दोनों पक्षों की ओर से शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है, जबकि यूपी वक्फ बोर्ड ने अपनी सफाई देकर विवाद को खत्म करने की कोशिश की है।

अंजुमन इंतजामिया मस्जिद (ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति) के संयुक्त सचिव यासीन द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में बोर्ड ने कहा कि तत्कालीन सहायक सचिव आले अतीक ने 6 दिसंबर 2018 को कॉलेज परिसर में मस्जिद क्षेत्र पर दावा करने के लिए एक नोटिस जारी किया था, जिसमें इसे वक्फ संपत्ति बताया गया था। 18 जनवरी 2021 को जारी बोर्ड अध्यक्ष के आदेश के जरिए इस नोटिस को रद्द कर दिया गया और इस संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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अपने पत्र में यासीन ने कहा था कि उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है और मस्जिद के संबंध में वक्फ बोर्ड द्वारा कॉलेज को दिए गए नोटिस के कारण एक भ्रम पैदा हो रहा था जिसे दूर करने की जरूरत थी।