लखनऊ। उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे के बीच रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। कोहरे के कारण ट्रेनों के लेट होने की आशंका को देखते हुए भारतीय रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस और शताब्दी ट्रेनों के लिए अतिरिक्त (स्पेयर) रेक तैनात कर दिए हैं। साथ ही ट्रेनों की समयपालन और यात्रियों की सुविधाओं की निगरानी के लिए IRCTC का वॉर रूम भी सक्रिय कर दिया गया है।

कोहरे में टाइम से ट्रेन चलाने की तैयारी
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, आने वाले कुछ हफ्तों तक उत्तर भारत में कोहरे की स्थिति बनी रह सकती है। ऐसे में नई दिल्ली, वाराणसी, लखनऊ समेत प्रमुख स्टेशनों से ट्रेनों को राइट टाइम स्टार्ट (RTS) देने के लिए यह व्यवस्था की गई है। कोहरे के कारण यदि कोई ट्रेन देरी से पहुंचेगी, तो उसकी जगह तैयार खड़ा स्पेयर रेक तुरंत रवाना किया जाएगा।
क्या होता है रेक? जानिए रेलवे की रणनीति
रेलवे की भाषा में रेक का मतलब होता है ट्रेन के कोचों का पूरा सेट (इंजन को छोड़कर)। एक रेक पूरी ट्रेन की रीढ़ होता है। अधिकारियों ने बताया कि
- नई दिल्ली–वाराणसी रूट के लिए दो स्पेयर वंदे भारत रेक पहले से उपलब्ध हैं
- एक अतिरिक्त 20 कोच का रेक पश्चिम मध्य रेलवे से नॉर्दर्न रेलवे भेजा जा रहा है, ताकि परिचालन बाधित न हो
वंदे भारत और शताब्दी पर खास फोकस
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि
- 20 कोच का वंदे भारत रेक नई दिल्ली–वाराणसी सेवाओं में RTS के लिए इस्तेमाल हो रहा है
- एक अन्य मेंटेनेंस स्पेयर रेक वाराणसी–नई दिल्ली वंदे भारत के लिए तैनात किया गया है
इसके अलावा, शताब्दी एक्सप्रेस सेवाओं के लिए भी स्पेयर रेक की व्यवस्था की गई है, ताकि कोहरे के कारण किसी ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को लंबा इंतजार न करना पड़े।
IRCTC का वॉर रूम एक्टिव, रियल-टाइम मॉनिटरिंग
रेलवे मंत्रालय ने IRCTC को रियल-टाइम वॉर रूम स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। इस वॉर रूम से
- ट्रेनों की समयपालन स्थिति
- यात्रियों की संख्या
- कैटरिंग और ऑनबोर्ड सुविधाओं
पर लगातार नजर रखी जा रही है।
डीआरएम और जीएम अलर्ट मोड पर
कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए
- नॉर्दर्न, नॉर्थ ईस्टर्न और नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के महाप्रबंधकों को अलर्ट पर रखा गया है
- दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और मुरादाबाद के डीआरएम को ट्रेनों की नियमित समीक्षा और त्वरित समाधान के निर्देश दिए गए हैं
क्यों जरूरी हैं स्पेयर रेक?
सर्दियों में घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम हो जाती है, जिससे ट्रेनों की गति सीमित करनी पड़ती है। इससे एक ट्रेन लेट होती है तो उसका रेक अगली सेवा के लिए समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता और पूरा शेड्यूल बिगड़ जाता है।
इसी चेन रिएक्शन को रोकने के लिए रेलवे प्रीमियम ट्रेनों के लिए बैकअप यानी स्पेयर रेक तैयार रखता है, ताकि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।
रेलवे की यह तैयारी आने वाले दिनों में कोहरे के बावजूद यात्रियों को ज्यादा भरोसेमंद और समयबद्ध रेल सेवा देने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
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