लखनऊ। भारत में बौद्ध सर्किट बिहार में बोधगया, वैशाली, राजगीर, सारनाथ, श्रावस्ती और कुशीनगर हैं। ऐसे में कुशीनगर में आने वाले पर्यटकों के लिये अच्छी खबर है। यहां आवागमन की बेहतर सुविधा सुलभ कराने के लिए कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए तैयार हो चुका है। इस एयरपोर्ट से पर्यटकों और अन्य लोगों को हवाई यात्रा करने में सुगमता होगी।
नागरिक उड्डयन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा 199 करोड रुपए की लागत से 590 एकड़ भूमि में इस हवाई अड्डे को विकसित किया गया है। इस हवाई अड्डे के बन जाने और अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो जाने से बौद्ध धर्म के अनुयायियों को काफी सुविधा होगी। इसके साथ ही देश विदेश के पर्यटकों को महात्मा बुद्ध की निर्वाण स्थली और उनसे जुड़े आसपास के क्षेत्रों में स्थित अन्य स्थलों के भ्रमण में भी सहूलियत मिलेगी।
कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकसित होने से स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को जहां एक ओर प्रोत्साहन मिलेगा, वहीं दूसरी ओेर क्षेत्र के समुचित विकास को नई गति मिलेगी। नागरिक उड्डयन विभाग के अनुसार सहारनपुर (सरसांवा) एयरपोर्ट पर सिविल एंक्लेव के निर्माण के लिए 64 करोड रुपए की लागत से भूमि क्रय कर के राज्य सरकार द्वारा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित की जा चुकी है। प्राधिकरण द्वारा सिविल एनक्लेव के निर्माण हेतु त्वरित गति से कार्यवाही गतिमान है। इसी प्रकार मेरठ एयरपोर्ट के अग्रेतर विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा 47 एकड़ भूमि क्रय की जा चुकी है। एयरपोर्ट के विकास की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।