भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर मोदी सरकार और उसके फैसलों पर सवाल खड़े करते रहते हैं। इस बार उन्होंने जाली नोट के सर्कुलेशन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक खबर को शेयर करते हुए कहा कि नोटबंदी में जाली नोटों को असली नोटों से धड़ल्ले से बदला गया और इसी की वजह से आरबीआई आज भी नोटबंदी की फाइनल टैली का खुलासा नहीं करता है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में लिखा, “कोई सरकार नकली नोटों के रैकेट से निपटी नहीं। वास्तव में मोदी सरकार की नोटबंदी के दौरान अधिकांश नकली नोटों को नए और असली नोटों से बदला गया। इसीलिए आरबीआई आज भी फाइनल टैली का खुलासा करने से इनकार करती है। RBI गवर्नरों को मुद्रा धोखाधड़ी पर उनकी नरमी के लिए चुना जाता है।”
स्वामी ने कहा कि सॉफ्ट RBI गवर्नर इसलिए चुनते हैं कि वो फेक करेंसी को लेकर होने वाली धांधली पर नरमी बरतते हैं। बता दें कि स्वामी ने यह ट्वीट एक यूजर द्वारा शेयर खबर के रिप्लाई में किया है। खबर में कहा गया है कि आतंकियों को फंडिंग करने में नकली नोटों का सर्कुलेशन बढ़ा है।
बता दें कि स्वामी के ट्वीट पर सोशल मीडिया पर यूजर तमाम तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “जिस थाली में खाना, उसी में छेद करना…मैं आपका कुछ महीने पहले तक कट्टर समर्थक था।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “स्वामी जी कहीं जुगाड़ बनी क्या राज्यसभा सीट के लिये या अभी तक वेटिंग में ही है।” इसके अलावा एक अन्य यूजर ने सवाल किया, “तो क्या इसका मतलब यह है कि डिमोनेटाइजेशन विनाशकारी था?”
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद से नकली नोटों को लेकर केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने इसी साल अगस्त में संसद में बताया था एजेंसिंयों की रिपोर्ट के मुताबिक, कई मामलों में पाया गया है कि जाली नोटों की तस्करी पड़ोसी मुल्कों से हो रही है। उन्होंने कहा कि जहां बैंकिंग सिस्टम में पाए जाने वाले नकली नोटों की संख्या में कमी पाई गई है तो वहीं कानून प्रवर्तन एजेंसियों के जब्त किए गए नोटों में वृद्धि हुई है।
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संसद में उन्होंने बताया कि 7.62 लाख पीस जाली नोट साल 2016-17 में देखने को मिले थे। वहीं साल 2021-22 में 2.08 लाख नोट रह गए। पंकज चौधरी ने कहा कि साल 2016 में नोट बंदी के बाद से जाली नोटों की संख्या में गिरावट आई है।