संसद के उच्च सदन राज्यसभा से आज 72 सांसद रिटायर हो गए. इस मौके पर सभापति एम वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री मोदी और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पूरे सदन ने सांसदों को विदाई दी. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘राजनीति में एक कहावत है कि उतार-चढ़ाव अक्सर आते रहते हैं लेकिन कभी भी मैदान नहीं छोड़ना चाहिए. लोगों के लिए काम करते समय हमें इसे ध्यान में रखना चाहिए.’
खड़गे ने आगे कहा, ‘राज्यसभा एक स्थायी सदन है, कुछ सदस्य रिटायर होंगे जबकि कुछ अन्य आएंगे. यह हमेशा चलता रहेगा. हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अच्छे से काम करें. नेहरू जी ने राज्यसभा को शक्ति और अन्तरंगता प्रदान की. उन्होंने राज्यसभा सांसदों को विभिन्न समितियों का सदस्य बनाया.’
खड़गे ने ये भी कहा, अपर हाउस चैम्बर ऑफ आइडियाज़ है. पूर्व प्रधानमंत्री से लेकर मंत्री गण तक होते हैं युवा भी होते हैं. रूलिंग और अपोजिशन के लोग होते हैं जिनसे नई नई चीज़ सीखने को मिलता है. मेरी पार्टी के 13 सदस्यों को हम विदा कर रहे हैं. आनंद शर्मा और जय राम रमेश को भी जिन्हें बहुत अनुभव है. ये अनुभव आज हमसे विदा हो रहा है. अम्बिका सोनी और चिदम्बरम साहब को भी विदाई दे रहे हैं जिनका कानूनी ज्ञान हमें मिलता रहा.
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फेयरवेल पर पीएम मोदी ने भी दी विदाई
राज्यसभा सांसदों के फेयरवेल में पीएम मोदी ने कहा, ‘ये आजादी का अमृत महोत्सव है. हमारे महापुरुषों ने देश के लिए बहुत कुछ दिया, अब देने की जिम्मेदारी हमारी है. अब आप खुले मन से एक बड़े मंच पर जाकर आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर प्रेरित करने में योगदान कर सकते हैं.’