जब दुनिया के 2 बड़े लोकतंत्र के शीर्ष नेताओं के बीच मुलाकात होती है तो सभी की नजर इस पर बनी रहती है। यही हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच मुलाकात हुई। दोनों शीर्ष नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई इसके बारे में तो हम आपको बताएंगे ही, लेकिन साथ ही साथ यह भी बताएंगे कि कैसे एक बार फिर से भारत ने पाकिस्तान की जबरदस्त बेइज्जती की है वह भी वैश्विक मंच पर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक के तहत व्हाइट हाउस में जो बाइडन से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने कोविड-19 एवं जलवायु परिवर्तन, व्यापार और हिंद-प्रशांत सहित प्राथमिकता वाले कई मुद्दों पर चर्चा की। बाइडन ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत एवं अमेरिका के बीच संबंधों की नियति ही ‘‘शक्तिशाली, मजबूत (बनना) और करीब आना’’ है। राष्ट्रपति बाइडन ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि वे आज अमेरिका-भारत के संबंधों का एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से सातवीं बार अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं। बाइडन के साथ शुक्रवार को हुई बैठक को ‘‘महत्वपूर्ण’’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि वे इस शताब्दी के तीसरे दशक में मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन से कहा कि यह दशक कैसा स्वरूप लेता है, इसमें निश्चित तौर पर आपका नेतृत्व महत्पूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत और अमेरिका के बीच और मजबूत मित्रता के लिए बीज बो दिये गये हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ऑस्ट्रेलियाई और जापानी समक्षकों के साथ क्वाड नेताओं के पहले व्यक्तिगत शिखर सम्मेलन में शामिल हुए जिसकी मेजबानी यहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने की। इस दौरान मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि चार देशों का यह समूह दुनिया की भलाई करने वाली शक्ति की तरह कार्य करेगा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ ही पूरे विश्व में शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करेगा।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर मुद्दे का राग अलापने पर इसके जवाब में कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां आतंकवादी बेरोक टोक आ जा सकते हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ‘‘आग लगाने वाला’’ है जबकि खुद को ‘‘आग बुझाने वाले’’ के रूप में पेश करने का दिखावा करता है और पूरी दुनिया को उसकी नीतियों के कारण तकलीफ उठानी पड़ी है क्योंकि वह आतंकवादियों को पालता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि पाकिस्तान के नेता द्वारा भारत के आंतरिक मामलों को विश्व मंच पर लाने और झूठ फैलाकर इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने के एक और प्रयास के प्रत्युत्तर में हम अपने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको बता दें कि खान ने अपने संबोधन में पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले और पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बारे में बात की।