कानपुर, 24 मार्च। परिवहन संभागीय कार्यालय (आरटीओ) में दलाल राज किस कदर हावी है, यह किसी से छिपा नहीं है। यही नहीं अधिकारी भी भलीभांति वाकिफ हैं। इसी के चलते समय-समय पर आलाधिकारी छापेमारी करते हैं, पर अधिकारियों के हटते ही आरटीओ पुराने ढर्रे पर आने में अधिक समय नहीं लगाता। इन्ही सब बिन्दुओं को लेकर बुधवार को मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने आरटीओ कार्यालय में छापेमारी कर दलाल राज पर अंकुश लगाने का प्रयास किया। मंडलायुक्त ने पाया कि सीसीटीवी कैमरे चल नहीं रहे है और दो एआरटीओ सहित 15 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये। इस पर मंडलायुक्त खफा हुए और सख्त हिदायत दी कि इमानदारी से कार्य किया जाये।
बंद मिले सीसीटीवी कैमरे, दो एआरटीओ सहित 15 कर्मचारी रहे अनुपस्थित
सरकारी कार्यालयों में समय से जनता का काम हो, इसको लेकर मंडलायुक्त डा. राजशेखर बराबर सरकारी कार्यालयों में छापेमारी कर अधिकारियों व कर्मचारियों के पेंच कस रहे हैं। आरटीओ दफ्तर में दलाल राज की मिल रही बराबर खबरों को लेकर बुधवार को मंडलायुक्त ने जमीनी हकीकत देखने के लिए आरटीओ दफ्तर में छापेमारी कर दी। मंडलायुक्त को देख दलालों में भगदड़ मच गई और भाग खड़े हुए। एआरटीओ कार्यालय में दो संदिग्ध लोगों से मंडलायुक्त ने पूछताछ की, जिस पर एक ने अपना आईकार्ड दिखा दिया और दूसरा आईकार्ड नहीं दिखा पाया। इस पर मंडलायुक्त ने दूसरे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश देते हुए एआरटीओ को सौंप दिया।
दो एआरटीओ और 13 कर्मचारी मिले अनुपस्थित
वहीं एआरटीओ कार्यालय में एआरटीओ की अनुपस्थित पर भी मंडलायुक्त खफा हुए, हालांकि छापेमारी के दौरान ही करीब पौन घंटे बाद एआरटीओ कार्यालय पहुंच गये। यहां जब दूसरे एआरटीओ कार्यालय मंडलायुक्त पहुंचे तो वहां भी एआरटीओ अनुपस्थित पाये गये। इस प्रकार मंडलायुक्त की छापेमारी के दौरान दो एआरटीओ और 13 कर्मचारी गैर हाजिर पाये गये। एआरटीओ कार्यालय में जो सीसीटीवी लगाए गए थे, वह भी काम नहीं कर रहे थे। एआरटीओ सुधीर कुमार से जब मंडलायुक्त ने सीसीटीवी रिकॉर्डिंग मांगी, तो वह उसे दिखा नहीं पाए। जिस पर मंडलायुक्त ने उन्हें फटकार भी लगाई। यही नहीं उन्हें नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण भी तलब कर लिया।
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दलालों का प्रोत्साहन करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ हो कार्रवाई
मंडलायुक्त ने आरटीओ में दलाल राज को खत्म करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को भी सख्त लहजे में निर्देश दिया। उन्होंने परिवहन आयुक्त को निर्देशित करते हुए कहा कि दफ्तर में कोई भी दलाल प्रवेश न कर पाये। इसके लिए एआरटीओ निगरानी रखें और जो भी कर्मचारी दलालों को प्रोत्साहन कर रहे हों, उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाया जाये। कमिश्नर ने तीन दिन में कार्रवाई रिपोर्ट तलब करने के साथ ही 30 अप्रैल तक फोटो और वीडियो के साथ डिटेल रिपोर्ट मांगी है।