विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज यानी आज से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. विधि-विधान से बाबा के कपाट बंद किए गए, इस अवसर पर तीन हजार से अधिक श्रद्धालु भव्य दर्शन में शामिल हुए. अब अगले छह महीने तक भोले बाबा की पूजा-अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगी और अब बाबा के दर्शन ऊखीमठ में ही होंगे. भाई दूज के दिन, गुरुवार को सुबह चार बजे से भगवान का अभिषेक किया गया. जिसके बाद भगवान केदार की डोली मंदिर के बाहर आई और भक्तों ने भव्य दर्शन किए.
विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के मुख्य कपाट के साथ ही पीछ के कपाट को भी बंद कर सील कर दिया गया. इसके साथ ही केदारनाथ धाम से बाबा की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन स्थान के लिए रवाना हो गई. इस दौरान धाम में बाबा केदार के दर्शनों को भक्तों का तांता लगा रहा. इस बार केदारनाथ धाम में अब तक 15.55 लाख से अधिक यात्री पहुंचे.
इससे पहले बुधवार को की गई विशेष पूजा अर्चना के बाद केदारबाबा की पंचमुखी डोली को मंदिर में विराजमान किया गया था और भक्तों के जयकारे के साथ ही पारंपरिक गीत एवं झुमेलो से पूरा मंदिर गुंजायमान हो गया था. इसके बाद बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्तियों को उत्सव डोली में विराजमान किया गया. इसके उपरांत विधि विधान से बाबा की डोली को पूजा अर्चना के बाद मंदिर के सभामंडप में विराजमान किया गया था.
यह भी पढ़ें: इस श्मशान में जलती चिताओं के सामने क्यों नाचती हैं महिलाएं? जानिए 350 सालों से चल रही प्रथा की वजह
बुधवार को भी बाबा केदारनाथ की एक झलक पाने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा. इसके बाद गुरुवार को परंपरा के अनुसार सुबह चार बजे बाबा केदारनाथ को भस्म, फल, घी और अन्न से अभिषेक कराने के बाद भगवान को छह महीने के लिए समाधि दी गई.