कोरोना के साथ ही नए वैरिएंट ओमीक्रान का संक्रमण भी फैल रहा है | ऐसे में बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित बनाना एक बड़ी चुनौती है | बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता जहां वयस्कों से कमज़ोर होती है वहीं अभी १४ साल से कम की आयु के बच्चों के लिए वैक्सीन भी नहीं आयी है |
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. पियाली भट्टाचार्य का कहना है कि 12 से 15 साल आयु वर्ग के बच्चों के लिए कोरोना का टीका जल्द आने वाला है पर उससे कम उम्र के बच्चों की वैक्सीन अभी आने की संभावना कम है। इसलिए, माता-पिता सहित परिवार के सभी 15 साल से ऊपर के सदस्यों को कोरोना की वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए क्योंकि इससे संक्रमण के प्रसार की गुंजाइश कम हो जाती है और यदि संक्रमण होता भी है तो उसकी तीव्रता ज्यादा नहीं होती है | इसके साथ ही बच्चों में कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल जैसे कि बार-बार हाथ धोना, मास्क लगाना और दो गज की शारीरिक दूरी के पालन की आदत विकसित करें | उन्हें घर से बाहर बेवजह न निकलने दें | साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें | बच्चे को समझाएं कि चेहरे को बार-बार न छुएं | छींकते समय रुमाल या नैपकिन का उपयोग करे और उन्हें ढक्कनदार कूड़ेदान में ही फेंकें| हथेलियों का उपयोग न करके मुड़ी हुई कोहनी में मुंह छिपाकर खांसें या छीकें|
डॉ. पियाली का कहना है कि इसके साथ ही खान-पान का विशेष ध्यान रखें | भोजन में विटामिन सी को शामिल करें, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर होता है | इसके साथ ही यह सुनिश्चित करें कि बच्चा संतुलित आहार का ही सेवन करे | होटल और रेस्टोरेंट के भोजन का सेवन करने से परहेज करें | जहां तक संभव हो जंक फूड से बच्चों को दूर ही रखें | पानी पर्याप्त मात्रा में बच्चों को पिलाएं | यह शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने में सहायक होता है | जाड़े में ठंड की वजह से बच्चे पानी कम पीते हैं जिससे शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है | दो साल तक के बच्चे को माँ स्तनपान जरूर कराए | यदि माँ कोरोना उपचाराधीन है तो वह मास्क लगाकर व हाथ साबुन से धोकर ही स्तनपान कराये | स्तनपान कराने से पहले स्तनों को साफ पानी से पोंछ लें|
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यदि घर में कोई व्यक्ति कोरोना उपचारधीन है तो बच्चे को उसके संपर्क में न जाने दें | बाहर से आने पर सीधे बच्चों के संपर्क में न आयेँ | कपड़े बदलकर और हाथ साबुन पानी से धोकर ही बच्चे से मिलें |
गर्भवती को ज़रूर कोविड टीकाकरण कराना चाहिए। इससे वह अपने गर्भ में पल रहे शिशु व नवजात को सुरक्षा कवच प्रदान कर सकती हैं।