हरिद्वार। शंकराचार्य परिषद के सर्वपति स्वामी आनंद स्वरूप ने सरकार से भारत को जल्द हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल आत्मा उसकी प्रस्तावना होती है। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने प्रस्तावना को ही बदल दिया और उसमें सेकुलर शब्द को जोड़ दिया। यह गलत किया गया।

उन्होंने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए जल्द ही राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने दिग्विजय सिंह के धारा 370 के बयान पर आपत्ति जताई है।
स्वामी आनंद स्वरूप ने पत्रकार वार्ता में कहा है कि आजादी के समय भारत के दो टुकड़े हुए। बाद में इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान का गठन हुआ तो फिर भारत हिंदू रिपब्लिक क्यों नहीं बना। उनका कहना है कि इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल के समय भारत के संविधान की आत्मा कहे जाने वाली प्रस्तावना में बदलाव करते हुए सेकुलर शब्द जोड़ दिया, जिसको अब बदलने का समय आ चुका है। केंद्र सरकार को चाहिए कि भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में घोषित किया जाए। इसकी मांग को लेकर उनके द्वारा एक अभियान की शुरुआत आज हरिद्वार से की गई है, जो पूरे देश में चलाया जाएगा।
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इस संबंध में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन किया जाएगा। इसमें पूरे देश से लगभग दस हजार साधु-संतों के हस्ताक्षर होंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो दिल्ली में लगभग एक लाख संतों के साथ वे धरना -प्रदर्शन करेंगे। दिग्विजय सिंह के धारा 370 पर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह का इतिहास काला रहा है और कांग्रेस हमेशा से पाकिस्तान समर्थित कार्य करती रही है। उन्होंने मांग की है कि अगर कांग्रेस की मंशा यही है कि वे धारा 370 हटाए तो उसे अपने मेनिफेस्टो में इस बात का जिक्र करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि ऐसा बोलने पर दिग्विजय सिंह को जेल में डाल दिया जाना चाहिए। उन्होंने भारत सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने और उसका कड़ाई से पालन कराने की भी आवश्यकता पर बल दिया।
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