सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई बहुचर्चित डील पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला अमेरिकी कंपनी अमेजन द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया। रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील हुई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यह डील खटाई में जाती नजर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सिंगापुर में जो इमरजेंसी आर्बिट्रेशन का फैसला है, वह भारत में भी लागू होगा।
अमेजन ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
अमेजन ने दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के पिछले 22 मार्च के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने फ्यूचर-रिलायंस सौदे के खिलाफ सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दिया था।
पिछले 18 मार्च को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने फ्यूचर-रिलायंस सौदे के खिलाफ पारित इमरजेंसी अवार्ड को बरकरार रखते हुए फ्यूचर ग्रुप पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। सिंगल बेंच ने कहा था कि फ्यूचर रिटेल, फ्यूचर कूपन, किशोर बियानी और अन्य लोगों ने इमरजेंसी अवार्ड का उल्लंघन किया।
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सिंगल बेंच ने कहा था कि आर्बिट्रेटर ने फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों के संबंध में ग्रुप ऑफ कंपनी के सिद्धांत को सही ठहराया था। कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप को निर्देश दिया कि वो रिलायंस के साथ डील को आगे नहीं बढ़ाएं। बता दें कि इमरजेंसी अवार्ड में आर्बिट्रेटर ने फ्यूचर रिटेल और फ्यूचर कूपन को रिलायंस के साथ लेन-देन के संबंध में 29 अगस्त 2020 के बोर्ड के प्रस्ताव को आगे बढ़ने से रोक दिया था।