पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में प्रशासन की लापरवाही की एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक जिंदा व्यक्ति की मौत की खबर उसके परिवार वालों को दे दी गई। यहां तक कि घरवालों को गलत व्यक्ति की लाश भी थमा दी गई। इस खबर के बाद जब उस शख्स के घरवाले उसके श्राद्ध समारोह की तैयारी करने लगे तो अस्पताल प्रशासन की ओर से परिवार वालों को फोन करके बताया गया कि उनके रिश्तेदार पूरी तरह ठीक है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 4 नवंबर शिवदास बनर्जी नाम के एक व्यक्ति को खदरा स्थित बलरामपुर बासु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन 13 नवंबर को अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजन अस्पताल से मृतक का शव लेकर चले गए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
अस्पताल प्रशासन ने शुक्रवार को एक बार फिर से शिबदास बनर्जी के परिवार को फोन किया। उन्हें बताया गया कि उनके रिश्तेदार जीवित हैं और पूरी तरह ठीक हैं। उस वक्त परिजन व्यक्ति के श्राद्ध सामारोह की तैयारी कर रहे थे।बता दें कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यी कमेटी बनाई गई है। जिसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
जिला सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) तपस रॉय ने कहा कि गठित जांच समिति की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया गया है। जल्द ही इस दिशा में जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
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अधिकारियों के मुताबिक जिस 75 वर्षीय शख्स का अंतिम संस्कार किया गया, उनका नाम मोहिनीमोहन मुखर्जी था। उनको भी 4 नवंबर को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 7 नवंबर को उन्हें बारासात स्थित कोविड अस्पताल ट्रांसफर किया गया था। हालांकि यह पूरी प्रक्रिया बलरामपुर बासु अस्पताल की तरफ से की गई थी। दोनों शख्स के नाम में बनर्जी जुड़े होने से अस्पताल प्रशासन नाम में गलती कर गया। जिसके चलते परिजनों को गलत जानकारी दे दी गई।