उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्वाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार का संकल्प : ऊर्जा मंत्री

  • ऊर्जा मंत्री ने वाराणसी में की पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के कार्यों की समीक्षा

लखनऊ । विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्वाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार का संकल्प है। इस हेतु विभाग द्वारा रोस्टर प्रथा को समाप्त करते हुए पूरे प्रदेश में 24 घंटे निर्वाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है।

वर्तमान में भीषण गर्मी के दौरान भी विद्युत विभाग द्वारा पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर विद्युत आपूर्ति की गयी। इसे बनाये रखना है। साथ ही आधारभूत संरचनाओं के अनुरक्षण हेतु बेस्ट प्रैक्टिस का पालन किया जाये, जिससे कि उपभोक्ताओं को 24 घन्टे विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने का सरकार का संकल्प पूरा हो सके।

आरडीएसएस एवं अन्य योजनाओं के अन्तर्गत हो रहे विकास कार्यों हेतु लिये जाने वाले शटडाउन के कारण होने वाले विद्युत व्यवधान की सूचना एवं कार्य पूर्ण होने के उपरान्त होने वाले लाभ के बारे में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जाये एवं स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित भी कराया जाए।

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने शुक्रवार को वाराणसी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले सभी मण्डलों की विद्युत आपूर्ति, व्यवस्था और अन्य कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में अनवरत व निर्वाध बिजली आपूर्ति करने, जर्जर तारों व पोलों को हटाने, बिजली चोरी पर पूर्ण अंकुश लगाने के सख्त निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि जहां कहीं पर भी ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है, शीघ्र किया जाए। विद्युत उपकरणों के रखरखाव की बेहतर व्यवस्था हो। साथ ही सभी विद्युत कार्मिक अपनी कार्य संस्कृति में बदलाव लाकर उपभोक्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनके द्वारा की गयी शिकायतों का त्वरित निदान भी करें।

ऊर्जा मंत्री द्वारा डिस्कॉम के प्रत्येक मुख्य अभियन्ता वितरण से उनके क्षेत्र में हो रहे विकास कार्य, उपभोक्ताओं की शिकायतों एवं विद्युत आपूर्ति के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई।बैठक में विधायक सौरभ श्रीवास्तव द्वारा वर्ष 2014 के बाद वाराणसी में हुए विद्युत आपूर्ति एवं व्यवस्था में सुधार होने पर सरकार की प्रशंसा की।

उन्होंने यह अपेक्षा की कि जब भी किसी भी कार्य हेतु कोई शटडाउन लिया जाये तो जनप्रतिनिधियों को विभाग के द्वारा अवश्य रूप से अवगत करा दिया जाये ताकि आम जनमानस को गलत संदेश न मिल सके।पूर्वांचल डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि वर्ष 2030 तक होने वाले विद्युत भार में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सिस्टम डिजाइन का कार्य किया जा रहा है जिससे कि लो-वोल्टेज एवं अतिभारिता की स्थिति से बचा जा सके एवं उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

वाराणसी शहर के अन्तर्गत 1300 करोड़ रूपये की योजनाएं स्वीकृत हुई हैं जिसके अन्तर्गत 1202 स्थानों पर नये वितरण परिवर्तक एवं 1955 स्थानों पर परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि का कार्य किया जाएगा।मुख्य अभियन्ता (वितरण)- प्रथम, वाराणसी द्वारा अवगत कराया गया कि उनके वितरण क्षेत्र में 10 पॉवर परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि का कार्य पूर्ण करा लिया गया है। 596 स्थानों पर वितरण परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि की गई एवं 207 स्थानों पर नये वितरण परिवर्तक लगाये गये हैं।

आरडीएसएस एवं बिजनेस प्लान 2024-25 में अनेक स्थानों पर कार्य कराये जा रहे हैं। 28 व 29 मई एवं 7 व 8 जून को अत्यधिक गर्मी होने के कारण कुछ स्थानों पर अतिभारिता की स्थिति आई, जिसके लिए पॉवर परिवर्तकों पर कूलर लगाकर परिवर्तकों का तापमान नियंत्रित करते हुए विद्युत आपूर्ति को सामान्य रखा गया।आरडीएसएस एवं बिजनेस प्लान के अन्तर्गत बचे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है, जिससे सरकार की अपेक्षानुसार आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

ऊर्जा मंत्री द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम में हो रहे विद्युत आपूर्ति की जानकारी ली गई एवं आगामी योजना अन्तर्गत आटोमेटिक आरएमयू के द्वारा मन्दिर में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया।मुख्य अभियन्ता (वितरण) – द्वितीय, वाराणसी ने बताया कि वितरण परिवर्तकों की अतिभारिता के कारण कुछ स्थानों पर उपभोक्ताओं की शिकायत प्राप्त हुई। उक्त स्थानों पर परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि हेतु चिन्हित करते हुए बिजनेस प्लान वर्ष 2024-25 में स्वीकृत करा लिया गया है

एवं शीघ्र ही कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा एवं इन कार्यों के पूर्ण होने पर सरकार की अपेक्षानुसार आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। मुख्य अभियन्ता मिर्जापुर क्षेत्र ने बताया कि बिजनेस प्लान 2023-24 के 2098 कार्यों को पूर्ण करा लिया गया है एवं शेष कुछ बचे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करा लिया जाएगा।

कार्य को समयक नियोजन से किया जा रहा है, जिससे कि शासन के अपेक्षानुसार विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी। ऊर्जा मंत्री द्वारा विंध्यवासनी धाम क्षेत्र में निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक आधारभूत संरचना में निर्माण हेतु निर्देशित किया गया

साथ ही सोनभद्र के दुग्धी क्षेत्र में अविद्युतीकृत क्षेत्रों के विद्युतीकरण कराने हेतु निर्देशित किया गया। मुख्य अभियन्ता, प्रयागराज प्रथम ने बताया कि 54 विद्युत उपकेन्द्रों में से 39 पर डबल सोर्स सप्लाई उपलब्ध है। वितरण क्षेत्र के अन्तर्गत लगभग सभी स्थानों पर विद्युत आपूर्ति की कोई समस्या नहीं है।

झूसी, करैली एवं कसाडी-मसाडी में विद्युत चोरी के कारण अतिभारिता की समस्या उत्पन्न होती है जिसके लिए प्रभावी कदम उठाकर विद्युत चोरी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।मुख्य अभियन्ता, प्रयागराज द्वितीय ने बताया कि उनके क्षेत्र में बिजनेस प्लान व अन्य योजनाओं के अन्तर्गत 1828 कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं। पिछले वर्ष फतेहपुर जनपद में कृषि भार के कारण अतिभारिता की स्थिति बनी थी।

इस वर्ष आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत कृषि फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण करा लिया गया है जिससे अतिभारिता से बचा जा सकेगा। इन कार्यों के पूर्ण होने से शासन के अपेक्षानुसार विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।समीक्षा के उपरान्त ऊर्जा मंत्री जी द्वारा टोल फ्री नम्बर-1912 (कंट्रोल रूम) को और मजबूत करने हेतु निर्देशित किया गया, जिससे कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण हो सके।

उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान किया जाये। तेजी से हो रहे औद्योगिक एवं वाणिज्यिक विकास को ध्यान में रखते हुए आधारभूत संरचना की मजबूत प्लानिंग की जाये।बैठक में विधायक वाराणसी कैन्ट सौरभ श्रीवास्तव, प्रबन्ध निदेशक पूविविनिलि शम्भु कुमार, निदेशक (का.एवं प्रशा.) आरके जैन, निदेशक वित्त संतोष कुमार जाडिया, मुख्य अभियन्ता चन्द्रजीत कुमार, अरविन्द कुमार सिंघल, मुकेश कुमार गर्ग, जेपीएन सिंह,

प्रमोद कुमार सिंह, विश्वदीप अम्बारदार, श्रीश कुमार श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियन्ता वीपी कठेरिया, अनिल वर्मा, विजयराज सिंह, अशोक कुमार, मनोज अग्रवाल, स्टॉफ आफिसर प्रबन्ध निदेशक एपी सिंह भी मौजूद रहे।