लखनऊ । इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेमचंद्र के आह्वान पर 14 अक्टूबर को प्रदेश के कर्मचारी धरना एवं प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन देंगे।
कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के महामंत्री शशि कुमार मिश्र ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि मुख्य सचिव स्तर पर हुई बैठकों में लिए गए समयबद्ध निर्णयों का क्रियान्वयन किया जाए। इसके कारण प्रदेश के लाखों कर्मचारी दुखी एवं नाराज हैं। वास्तविकता यह है कि महामारी एवं अन्याय के कारण कर्मचारी भयभीत एवं आक्रोशित हैं जिससे उनका मन काम करने में नहीं लगता है। प्रदेश के कर्मचारियों का मुखिया होने के नाते उनका दायित्व बनता है कि उनकी पीड़ा को दूर करते हुए उन्हें अपने कर्तव्य की याद भी दिलाएं। वैसे कर्मचारी अपने दायित्व का निर्वहन पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से करते आए हैं अगर ना करते तो प्रदेश की तरक्की का कार्य कौन कर रहा है। उनका मुख्यमंत्री से आग्रह है कि मुखिया होने के नाते कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांगों पर मुख्य सचिव स्तर पर हुई बैठकों के निर्णयों का क्रियान्वयन समयबद्ध तरीके से करा कर सद्भाव का वातावरण बनाएं। ऐसा न हो कि कर्मचारी स्वयं आंदोलन पर उतर जाएं।
प्रमुख मांगे
- सातवें वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों पर वेतन समिति की संस्तुतियों लागू कर भत्ते की कटौती बन्द की जाए।
- मुख्य सचिव स्तर पर बैठकों के निर्णय को लागू किया जाए।
- 30 वर्ष की सेवा पर जबरन सेवानिवृत्त की कार्यवाही ना की जाए भ्रष्टाचार के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही सरकार कर ही रही है।
- स्वास्थ्य विभाग की नर्सेज , लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, ऑप्टोमेट्रिस्ट सहित अन्य संवर्गो का पद नाम परिवर्तन व फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन एवं ऑप्टोमेट्रिस्ट की वेतन को उच्चीकृत किया जाए।
- प्रदेश मे कार्यरत शेष राजकीय निगमों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ व महंगाई भत्ता दिया जाए।
- स्थानीय निकाय कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति पद व वेतनमान दिया जाए। दिसम्बर 2001 वर्ष के पूर्व के दैनिक कर्मचारियों का विनियमितीकरण किया जाए।
- शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का ढांचा राज्य कर्मचारियों के समान किया जाए।