कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ‘खुलेआम धमकी’ देने और ‘डकैती डालकर सत्ता में बैठने’ वालों को प्रदेश की जनता 10 मई को बता देगी कि वो किस मिट्टी की बनी है. उन्होंने यहां एक चुनावी सभा में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयानों का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह भी कहा कि कर्नाटक को किसी नेता के आशीर्वाद की जरूरत नहीं है. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने लोगों का आह्वान किया कि भाजपा सरकार की ‘अंधेरगर्दी’ के खिलाफ आवाज बुलंद करना सबका फर्ज है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि अब इस राज्य के दिन बदलने में देर नहीं है.’’ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने लंबे समय बाद किसी चुनावी सभा को संबोधित किया है.

सोनिया गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘डकैती डालना सत्ता में बैठे लोगों का धंधा हो गया है. इन्होंने (भाजपा) डकैती डालकर सत्ता हथिया ली है. इसके बाद उनकी 40 प्रतिशत सरकार जनता को लूटने में लग गई.’’ उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘नफरत फैलाना जिनका काम है, उन्हीं के खिलाफ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ हुई थी. भाजपा सरकार की लूट, झूठ, अहंकार और नफरत ने जिस तरह का माहौल बना दिया है, उससे मुक्ति पाए बिना ना तो कर्नाटक तरक्की कर सकता है और ना ही देश की प्रगति हो सकती है.’’
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने दावा किया, ‘‘इस यात्रा से भाजपा को इतनी घबराहट हुई कि वह हर तरह के दमन पर उतारू हो गई है. इनके नेता किसी सवाल और चिट्ठी का जवाब नहीं देते. उन्हें संस्था की परवाह नहीं है. वे संवैधानिक संस्थाओं को अपनी जेब में समझते हैं.’’
सोनिया गांधी ने सवाल किया, ‘‘क्या किसी सरकार में इतनी मनमानी देखी थी? क्या लोकतंत्र ऐसे चलता है? ’’ उन्होंने नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयानों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘आज हालत यह है कि ये खुलेआम धमकी देते हैं. ये कहते हैं कि अगर ये नहीं जीते तो कर्नाटक को मोदी जी का आशीर्वाद नहीं मिलेगा. यह कहते हैं कि अगर भाजपा नहीं जीती, तो दंगा हो जाएगा. आप कर्नाटक के लोगों को इतना विवश और लाचार नहीं समझें.’’
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘कर्नाटक के लोग किसी के आशीर्वाद पर नहीं, अपनी मेहनत पर भरोसा करते हैं. कर्नाटक के लोग डरपोक और लालची नहीं हैं. वो 10 मई को बताएंगे कि कर्नाटक के लोग किस मिट्टी के बने हैं.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘आज इन्हें बताने का समय आ गया है कि नेताओं के भाग्य जनता के आशीर्वाद से तय होता है, जनता का भाग्य किसी नेता के अशीर्वाद पर निर्भर नहीं होता. जनता अपनी किस्मत का फैसला खुद करती है.’’
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सोनिया गांधी का कहना था, ‘‘कर्नाटक भगवान बसवन्ना, महाकवि कुवेम्पु की धरती है लेकिन भाजपा इन सभी की भावनाओं का रोज अपमान कर रही है. आप राजनीतिक स्वार्थ पूरे करने के लिए कर्नाटक और देश को तबाही के रास्ते पर मत ले जाइए. सामाजिक सद्भाव बनाए रखने, विकास, लूटपाट और कमीशन मुक्त कर्नाटक के लिए आपका एकमात्र भरोसा कांग्रेस है.’’ उन्होंने ‘नंदिनी बनाम अमूल’ विवाद का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘अब इनको (भाजपा) बता देने का मौका आ गया है कि लाखों किसानों और दूध उत्पादकों के हित की अनदेखी करके ‘नंदिनी’ जैसी संस्था पर नियंत्रण करने का षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा.’’
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘जब 1978 में इंदिरा जी केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रही थीं, तब चिकमगलूर ने उनका पूरा साथ दिया था. मैंने भी जब 24 साल पहले लोकसभा का चुनाव लड़ा था, मुझे भी बेल्लारी के लोगों का विश्वास और समर्थन मिला.’’ उन्होंने कांग्रेस के चुनावी वादों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ कर्नाटक को भाजपा की लूट से बचाने के लिए 10 मई को कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को भारी बहुमत से जिताएं. ईमानदार, प्रगति की गारंटी देने वाली सरकार बनाकर अपना भविष्य उज्जवल बनाएं.’’
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