कानपुर, 14 फरवरी। पाश्चात्य संस्कृति के वेलेंटाइन डे को भारत में भी प्यार दिवस के रुप में मनाया जा रहा है, जिसका विरोध हर वर्ष किया जाता है। इसी क्रम में रविवार को भी कई संस्थाओं ने वेलेंटाइन डे का विरोध किया और कहा गया कि आधुनिकता के नाम पर फूहड़ता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वेलंटाइन डे के विरोध में भारत माता की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण
मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट एवं फलक एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्यों ने वैलेंटाइन डे के विरोध में भारत माता को माल्यार्पण कर भारत माता की जय, सनातन धर्म की जय, भारतीय संस्कृति की जय, भगत सिंह अमर रहे, सुभाष चंद्र बोस अमर रहे, अशफाक उल्ला खां अमर रहे, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल अमर रहे, बटुकेश्वर दत्त अमर रहे, चंद्रशेखर आजाद अमर रहे, मंगल पांडे अमर रहे के जोरदार नारे लगाए। संस्था के सदस्य आयुष पाठक ने कहा कि हम भारतवासियों को भारत माता, भारतीय संस्कृति एवं देश के शहीदों से प्यार करना चाहिए ना कि पाश्चात्य सभ्यता से। आधुनिकता के नाम पर फूहड़ता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नासा की स्थापना से पूर्व ही हमारे मनीषियों द्वारा सूर्य व पृथ्वी के बीच की दूरी की गणना हमारे ग्रंथों में की गई थी। पाश्चात्य देशों ने हमें फर्टिलाइजर, यूरिया,केमिकल का प्रयोग करना सिखाया और आज हम पुनः ऑर्गेनिक खेती की ओर लौट रहे हैं जो कि हमारे यहां सनातन से ही चली आ रही थी। इसलिए हम नवयुवकों की भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने की जिम्मेदारी है।
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इस दौरान राकेश मिश्रा निड़र, आयुष पाठक, राहुल केसरवानी, उत्कर्ष गुप्ता, कार्तिक मिश्रा, हर्ष सिंह, रजत, आयुष सिंह, रितिक सिंह, ऋषभ शर्मा, शिवम, नवीन अग्रवाल, प्रतिभा शुक्ला, बरखा आहूजा आदि मौजूद रहें।