लखनऊ। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि कौड़ियों के दाम पर चीनी मिलें बेच कर किसानों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाली बसपा सुप्रीमों मायावती को आज गन्ना किसानों की याद आ रही है। बसपा सरकार में भूख, गरीब से दर-दर भटकने वाला किसान योगी सरकार में खुशहाली की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को 1 लाख 44 हजार करोड़ रुपए का रिकार्ड भुगतान किया है, जो 50 सालों में नहीं हुआ। सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 25 रूपए प्रति कुंतल बढ़ाकर किसानों के मन की मुराद पूरी कर दी है।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बसपा सरकार में सबसे अधिक चीनी मिलें बेची गईं। 250 से 300 करोड़ रुपए की चीनी मिलों को 20 से 25 करोड़ रुपए में बेचा गया। जिसकी वजह से किसानों को अपना गन्ना बेचने के लिए दर-दर भटकना पड़ा था। गन्ना की उचित कीमत न मिलने से किसान भूखमरी का शिकार हुए। यूपी के किसानों को गर्त में पहुंचाने वाली बसपा सुप्रीमों का किसानों से प्रेम महज एक दिखावा है। किसान अब भी उस बीते हुए समय को भूला नहीं हैं। साढ़े 4 सालों में योगी सरकार ने सबसे तेज व कम समय पर किसानों को उनके गन्ने का भुगतान किया । यूपी में नई चीनी मिलें लगाई गईं। कोरोना काल के दौरान जब देश व दुनिया की बड़ी-बड़ी चीनी मिलें ठप हो गई थीं। उस दौरान भी सरकार ने 119 चीनी मिलों का संचालन किया। साढ़े 4 सालों में सरकार ने किसानों को तकनीक से जोड़कर उनकी उपज व आमदनी को बढ़ोन का काम किया है। अब तो सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 25 रुपए प्रति कुंतल बढ़ाकर किसानों को बड़ा तोहफा दिया है।
बसपा ने सिर्फ जाति के नाम पर वोट बटोरा
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बसपा ने हमेशा बाबा साहेब के नाम पर वोट बटोरने का काम किया है लेकिन बाबा साहेब के लिए कुछ किया नहीं। बसपा तो हमेशा से जातिगत सियासत की पैरोकार रही है। योगी सरकार ने महार्षि वाल्मीकि, संत रविदास की भूमि को पर्यटन स्थ्ल के रूप में विकसित किया है। लखनऊ में बाबा साहेब का भव्य स्मारक बनाया जा रहा है। भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास करने वाली पार्टी है। योगी सरकार ने साढ़े चार साल में हर तबके का विकास किया है।