बीते दिनों बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा कराची के भारत में शामिल हो जाने वाले बयान पर विरोधी दलों ने पलटवार किया है। दरअसल, उनके इस बयान पर शिवसेना और एनसीपी दोनों दलों ने प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने फडणवीस के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि पहले कश्मीर के उस हिस्से को भारत में मिलाइए, जिसपर पाकिस्तान ने कब्ज़ा कर रखा है। वहीं, एनसीपी ने कहा कि बांग्लादेश को भी भारत में मिला लिया जाए तो अच्छा रहेगा।

शिवसेना ने इस तरह दिया बीजेपी को जवाब
शिवसेना प्रवक्ता ने सोमवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अखंड भारत के सपने को साकार करने और एक दिन कराची के भारत में मिल जाने की बात कही है। मैं कहता हूं कि पहले हमें पाक अधिकृत कश्मीर को वापस लेना है। इसके बाद हम कराची भी जा सकते हैं।
वहीं एनसीपी ने कहा है कि कराची ही क्यों बांग्लादेश को भी अगर भारत का हिस्सा बनाया जाए तो बड़ा अच्छा होगा। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने इस कहा कि जिस तरह देवेंद्र फडणवीस बयान दे रहे हैं, उस हिसाब से तो पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों को भारत में जोड़ना चाहिए। अगर बीजेपी तीनों देशों को जोड़ती है, तो हम स्वागत करेंगे।
हाल ही में मुंबई स्थित कराची स्वीट्स पर शिवसेना के एक नेता ने दुकान के नाम को लेकर हंगामा किया था। शिवसेना नेता ने कहा था कि दुकान के नाम कराची स्वीट्स से ‘कराची’ को हटा देना चाहिए क्योंकि वो पाकिस्तान का एक शहर है और भारत में ये नाम नहीं होना चाहिए।
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इसी को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि बीजेपी ‘अखंड भारत’ में विश्वास करती है और कराची एक दिन भारत का हिस्सा होगा। फडणवीस के बयान पर अब शिवसेना और एनसीपी की प्रतिक्रिया आई है।
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