नई दिल्ली:- बाला साहेब ठाकरे द्वारा 1966 में स्थापित की गई पार्टी शिवसेना जो 2022 में विभाजित हो गई थी के नाम और उसके धनुष-बाण चिन्ह को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई होगी।
उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला तय करेगा कि धनुष-बाण चिन्ह पर किसका अधिकार होगा। क्या यह चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट के पास बना रहेगा या उद्धव ठाकरे को वापस मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस सुर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची शामिल हैं, आज मूल याचिका और अंतरिम आवेदन पर अंतिम दलीलें सुनेगी।
बता दें कि चुनाव आयोग ने फरवरी 2023 में शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना मानते हुए धनुष-बाण चिन्ह आवंटित कर दिया था, इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने जनवरी 2024 में शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिका खारिज कर दी।
उद्धव गुट ने इन फैसलों को ‘अवैध और पक्षपाती’ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उद्धव ठाकरे ने अपनी याचिका में कहा है, ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की विरासत है, उनका बेटा होने के नाते पार्टी पर मेरा हक है।
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