बनारस रेल इंजन कारखाना में बुधवार को रेल कौशल विकास योजना में सफल प्रशिक्षुओं को स्व रोजगार टूलकिट एवं प्रमाण पत्र दिया गया। इसमें चार तकनीकी ट्रेडों, इलेक्ट्रिशियन, फिटर, मशीनिष्ट और वेल्डर के लिए सौ घंटे के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षित प्रथम बैच के प्रशिक्षु रहे। वाराणसी परिक्षेत्र के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, बरेका की महाप्रबंधक अंजली गोयल ने सफल प्रशिक्षुओं में टूलकिट और प्रमाण पत्र वितरित किया।
कार्यक्रम में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि महाप्रबंधक के नेतृत्व में बरेका ने कोविड के समय में सिविल प्रशासन का सक्रिय सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में युवाओं के बीच सबसे बड़ी चुनौती नौकरी की है। सभी प्रशिक्षु दृढ़ इच्छा शक्ति, कड़ी मेहनत और सही कौशल से असीम सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अब समय सैद्धांतिक से ज्यादा व्यावहारिक कौशल का है। रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत बरेका के प्रशिक्षण माड्यूल की विशेषता यह है कि इसमें 70 फीसद व्यवहारिक प्रशिक्षण है। कमिश्नर ने विश्वास जताया कि इस प्रशिक्षण में उद्योग की मांग के अनुसार परिवर्तन भी किया जाएगा। आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक कालेजों के साथ बरेका के व्यावहारिक प्रशिक्षण को जोड़ा जा सकता है। डीआईसी एवं बीएचयू में दक्ष प्रशिक्षुओं को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए इक्यूबेशन सेन्टर है। इस प्रकार दूसरों के लिए रोजगार सृजन हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यह इक्यूबेशन सेन्टर सरकारी योजनाओं एवं उनकी प्रक्रियाओं के बारे में पूरी सूचना उपलब्ध कराते हैं जिसका लाभ प्रशिक्षु उठा सकते हैं। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि बहुत गर्व का क्षण है कि बरेका, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कौशल विकास के दृष्टिकोण को बढ़ावा दे रहा है। बरेका द्वारा तकनीकी क्षेत्र में दिया गया प्रशिक्षण काफी सफल रहा है। उन्होंने बरेका और रेलवे के सभी अधिकारियों और प्रशिक्षकों को बधाई देकर कहा कि भारत सरकार के साथ साथ यूपी सरकार के भी स्किल डेवलपमेंट के कार्य चल रहे हैं। रेल कौशल विकास योजना कक्षा शिक्षण और प्रयोगशालाओं तथा कर्मशाला में व्यावहारिक प्रशिक्षण का एक अनूठा संयोजन है। उन्होंने उद्यमिता में सहायक विभिन्न ऋण योजनाओं जैसे मुद्रा आदि के बारे में भी बताया।
महाप्रबंधक अंजली गोयल ने कहा कि जिलाधिकारी एवं आयुक्त के संदेशों से सरकारी संगठनों एवं विभागों की कार्य प्रणाली में परिवर्तन होगा। उन्होंने भरोसा दिया कि पाठ्यक्रम में सुधार करते हुए इसमें उद्यमिता योजनाओं, ऋण एवं इक्यूबेशन सेन्टर को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेल कौशल विकास योजना कार्यक्रम से प्रशिक्षुओं का आत्म विश्वास मजबूत होगा एवं उन्हें बेहतर रोजगार का अवसर मिलेगा। इसी तरह का व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय रेल के 75 केन्द्रों पर शुरू किया गया है। ट्रेनिंग ट्रेडों के अनुसार विशेष टूलकिट कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत उपलब्ध कराया जा रहा है। इस तरह युवा प्रशिक्षु बरेका से प्राप्त टूल किट एवं प्रशिक्षण का उपयोग भविष्य के उद्यमों में करेंगे। समारोह में महाप्रबंधक एवं अन्य अतिथियों ने प्रशिक्षुओं से बातचीत किया। मुख्य विद्युत इंजीनियर (निरीक्षण) पी.पी.राजू ने अतिथियों का स्वागत कर योजना के बारे में जानकारी दी।
—50 हजार युवा होंगे प्रशिक्षित
रेल कौशल विकास योजना में पूरे भारत में 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से आगामी तीन वर्षों में कुल 50 हजार युवा प्रशिक्षित किए जाएंगे। बरेका को रेल कौशल विकास योजना कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी नामित किया गया है। प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम एवं मूल्यांकन प्रक्रिया का निर्धारण बरेका द्वारा किया गया है। बरेका के जनसम्पर्क अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार रेल कौशल विकास योजना कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षुओं का चयन खुले विज्ञापन के माध्यम से पारदर्शी चयन प्रणाली द्वारा किया गया। प्रशिक्षुओं को 100 घंटे का व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया गया। जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि इस योजना का उद्घाटन बीते 17 सितम्बर को रेल, संचार, इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया था। इस कार्यक्रम के माध्यम से आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में देश के युवाओं में आत्मविश्वास पैदा करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को आगे बढ़ाया जा रहा है।