रूस, भारत के सुख-दुख का साथी, हर चुनौती को चुनौती देने में सबसे आगे रहेगा भारत: मोदी

रूस, भारत के सुख-दुख का साथी, हर चुनौती को चुनौती देने में सबसे आगे रहेगा भारत: मोदी

मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रूस को भारत का सुख-दुख का साथी और सबसे भरोसेमंद दोस्त बताते हुए पिछले दो दशकों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व की प्रशंसा की। यूक्रेन युद्ध को लेकर रूसी नेता को अलग-थलग करने के पश्चिमी देशों के प्रयासों के बीच यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पुतिन की यह प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक विभिन्न चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत हर चुनौती को चुनौती देने में सबसे आगे रहेगा और चुनौती देना तो उनके डीएनए में है। मोदी ने कहा, दशकों से भारत और रूस के बीच जो अनोखा रिश्ता रहा है, मैं उसका कायल रहा हूं। रूस शब्द सुनते ही हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है…भारत के सुख-दुख का साथी। भारत का भरोसेमंद दोस्त। हमारे रूसी दोस्त इसे द्रुजवा कहते हैं और हम हिन्दी में इसे दोस्ती कहते हैं।

उन्होंने कहा, रूस में सर्दी के मौसम में तापमान कितना भी माइनस में नीचे क्यों न चला जाए लेकिन भारत और रूस की दोस्ती हमेशा प्लस में रही है, गर्मजोशी भरी रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह रिश्ता पारस्परिक विश्वास और सम्मान की मजबूत नींव पर बना है। प्रसिद्ध अभिनेता राज कपूर की मशहूर फिल्म श्री 420 के लोकप्रिय गीत सर पे लाल टोपी रूसी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह गीत भले ही पुराना हो गया हो लेकिन इसकी भावना सदाबहार है। उन्होंने कहा, भारत-रूस की दोस्ती को हमारे सिनेमा ने भी आगे बढ़ाया है। आज आप सभी भारत और उसके रिश्तों को नयी ऊंचाई दे रहे हैं। हमारे रिश्तों की दृढ़ता अनेक बार परखी गई है और हर बार हमारी दोस्ती बहुत मजबूत होकर उभरी है।

मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत-रूस मित्रता को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए वह अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन की विशेष रूप से सराहना करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय से दुनिया ने प्रभावोन्मुखी वैश्विक व्यवस्था देखी है। मोदी ने कहा, लेकिन दुनिया को अभी प्रभाव नहीं बल्कि संगम की जरूरत है और भारत से बेहतर कोई भी यह संदेश नहीं दे सकता है, जहां संगमों की पूजा करने की मजबूत परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि आज विश्व बंधु के रूप में भारत दुनिया को नया भरोसा दे रहा है और उसकी बढ़ती क्षमताओं ने पूरी दुनिया को स्थिरता और समृद्धि की उम्मीद दी है।

उन्होंने कहा, नए उभरते बहुध्रवीय विश्व आर्डर में भारत को एक मजबूत स्तंभ के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत और रूस वैश्विक समृद्धि को नयी ऊर्जा देने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और यहां रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग दोनों देशों के संबंधों को और नई ऊंचाई दे रहे हैं। मोदी ने कहा कि बीते 10 सालों में वह छठी बार रूस आए हैं और इन सालों में पुतिन के साथ 17 बार उनकी मुलाकात हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल भारत ने विकास का ट्रेलर देखा जबकि आने वाले 10 साल तेज वृद्धि के होंगे तथा देश की नयी गति दुनिया के विकास का नया अध्याय लिखेगी। यहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने विकास की जो रफ्तार पकड़ी है, उसे देखकर दुनिया हैरान है।

उन्होंने कहा, दुनिया के लोग जब भारत आते हैं, तो कहते हैं कि भारत बदल रहा है। भारत का कायाकल्प, भारत का नव-निर्माण वे साफ-साफ देख पा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में 15 प्रतिशत योगदान कर रहा है और आने वाले समय में इसका और ज्यादा विस्तार होना तय है।

उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान मैं कहता था कि बीते 10 सालों में भारत ने जो विकास किया है, वह तो सिर्फ एक ट्रेलर है। आने वाले 10 साल और भी तेज वृद्धि के होने वाले हैं। मोदी ने कहा, सेमीकंडक्टर से इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण और ग्रीन हाइड्रोजन से इलेक्ट्रॉनिक गाडियों तक विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर… भारत की नयी गति दुनिया के विकास का अध्याय लिखेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक हर चुनौती को चुनौती देने में भारत सबसे आगे रहेगा। उन्होंने कहा, और मेरे तो डीएनए में है हर चुनौती को चुनौती देना। मोदी ने कहा कि भारत बदल रहा है क्योंकि वह अपने 140 करोड़ नागरिकों की ताकत में विश्वास करता है जो अब विकसित भारत के संकल्प को हकीकत में बदलने का सपना देख रहे हैं। उन्होंने कहा, आज का भारत आत्मविश्वास से भरा है, 2014 से पहले की स्थिति के विपरीत…, और यह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। प्रधानमंत्री ने कहा, जब आप जैसे लोग हमें आशीर्वाद देते हैं, तो बड़े से बड़े लक्ष्य को भी प्राप्त किया जा सकता है। आप सभी जानते हैं कि आज का भारत जिस भी लक्ष्य को प्राप्त करने का इरादा रखता है, उसे वह हासिल करके रहता है।