दक्षिणपंथी कार्यकर्ता पर लगा मुस्लिम रिटायर्ड अधिकारी को धमकाने और रंगदारी मांगने का आरोप, जांच जारी

उत्तराखंड पुलिस ने एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और उसके तीन सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन लोगों पर एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी और उनके परिवार को धमकी देने का आरोप है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकी देने, 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और सोशल मीडिया पर झूठे आरोप लगाकर सांप्रदायिक नफरत फैलाने का मामला दर्ज किया है।

लेफ्टिनेंट कर्नल कादिर हुसैन ने दर्ज कराया मामला

इस बात की जानकारी देते हुए पुलिस ने रविवार को बताया कि शिकायत लेफ्टिनेंट कर्नल कादिर हुसैन (सेवानिवृत्त) ने दर्ज कराई है। उन्होंने मुख्य संदिग्ध राकेश तोमर पर जुलाई 2022 से धमकियों की साजिश रचने और सांप्रदायिक कलह भड़काने का आरोप लगाया है।

शिकायत के अनुसार, तोमर ने गिरीश चंद्र डालाकोटी, भूपेंद्र डोगरा और सोलंकी के साथ मिलकर कुछ दिन पहले रंगदारी की मांग की थी और हुसैन को चेतावनी दी थी कि भुगतान न करने पर भीड़ उन्हें और उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाएगी।

विकासनगर थाने के सब-इंस्पेक्टर ने दी मामले की जानकारी

जांच का नेतृत्व कर रहे विकासनगर थाने के सब-इंस्पेक्टर संजीत कुमार ने कहा कि हुसैन सेवानिवृत्ति के बाद इलाके के एक निजी स्कूल में निदेशक के तौर पर काम कर रहे हैं। हुसैन ने अपनी शिकायत में कहा कि 21 जुलाई 2022 को स्कूल ने दोपहर 12।30 बजे जल्दी छुट्टी कर दी, जिससे सोशल मीडिया पर आपत्तियां उठीं।

सब-इंस्पेक्टर संजीत कुमार ने कहा कि हालांकि हुसैन ने किसी भी अनजाने अपराध के लिए माफी जारी की, लेकिन तोमर ने इस घटना का इस्तेमाल उनके खिलाफ धर्म आधारित आरोप लगाने के लिए किया। उन्होंने कहा कि आरोपों को निराधार बताते हुए हुसैन ने आरोप लगाया कि यह सांप्रदायिक कलह पैदा करने और उन्हें और उनके परिवार को निशाना बनाने का प्रयास था।

लगातार सोशल मीडिया पर कर रहा था भड़काऊ पोस्ट

तोमर ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ और अपमानजनक बयान पोस्ट करना जारी रखा, जिससे स्थिति बढ़ गई। हुसैन ने आगे आरोप लगाया कि धमकियां दो साल से अधिक समय तक बनी रहीं, जिसके कारण पिछले हफ्ते जबरन वसूली की मांग की गई। तोमर ने दावा किया कि वह परिवार को नुकसान पहुंचाने और जवाबदेही से बचने के लिए भीड़ को उकसाएगा।

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शिकायत के आधार पर चारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 386 (जबरन वसूली), 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए बयानबाजी) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। कुमार ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।