विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है। हाल फिलहाल में हमने देखा है कि कई राज्यों में जांच एजेंसियां लगातार कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इन सबके बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में केंद्रीय एजेंसियों की कथित ज्यादतियों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। हालांकि, इस दौरान ममता बनर्जी सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने से बचती रही। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि नरेंद्र मोदी सीबीआई-ईडी का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ भाजपा नेता अपने हितों के लिए ऐसा कर रहे हैं। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक आग्रह भी किया ममता ने कहा कि सरकार और पार्टी के कामकाज को अलग रखा जाना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा।
इस दौरान विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। हालांकि, इस प्रस्ताव के पक्ष में 189 और विरोध में 69 वोट पड़े। पश्चिम बंगाल में भी जांच एजेंसिया लगातार कई मामलों को लेकर कार्रवाई कर रही है जिनमें तृणमूल कांग्रेस के भी कई नेता शामिल हैं। विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार तानाशाहीपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रही है। यह प्रस्ताव किसी खास के खिलाफ नहीं है, बल्कि केंद्रीय एजेंसियों के पक्षपातपूर्ण कामकाज के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का एजेंडा और उनकी पार्टी के हित आपस में न मिलें, यह सुनिश्चित किया जाए। विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि इस तरह का सीबीआई और ईडी के खिलाफ प्रस्ताव विधानसभा के नियमों के खिलाफ है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शशि थरूर Vs अशोक गहलोत की चर्चा, जानिए इसके मायने
शुभेन्दु अधिकारी ने कहा आगे कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना संवैधानिक नहीं है। ‘बांग्ला’ (पश्चिम बंगाल से) नाम लागू नहीं हुआ, वैसे ही ऐसा नहीं होगा। टीएमसी के हर भ्रष्ट नेता को जेल जाना होगा। वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सोमवार को विधायकों से किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन के लिए सदन में पोस्टर लाने से परहेज करने का आग्रह किया और कहा कि ऐसा करना सदन के नियमों के खिलाफ है। मैं सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायकों से सदन में उचित आचरण बनाए रखने का आग्रह करूंगा। इससे पहले भी विधानसभा में एक से अधिक मौकों पर अफरातफरी उत्पन्न हुई है।