लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के जवानों से युद्ध के लिए तैयार करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहले संयुक्त कमांडर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा में अमूल्य योगदान के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध में साइबर और अंतरिक्ष-आधारित क्षमताओं के रणनीतिक महत्व पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जो भविष्य के संघर्षों की तैयारी की आवश्यकता को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत में शांति है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उकसावे पर तत्काल जवाब दें।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें अपने वर्तमान पर ध्यान रखना होगा। मौजूदा समय में हमारे आस-पास हो रही गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है। इसके लिए हमारे पास एक मजबूत और राष्ट्रीय सुरक्षा घटक होना चाहिए। हमारे पास हर तरह के इंतजाम होने चाहिए। रक्षा मंत्री ने कमांडरों से सशस्त्र बलों के लिए हाईटेक हथियारों का इस्तेमाल करने की बात कही।
उन्होंने संयुक्त सैन्य दृष्टि विकसित करने और भविष्य में होने वाले युद्धों में देश के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारी करने के महत्व पर जोर दिया और किसी भी तरह के उकसावे पर तत्काल रिएक्शन देने की बात कही।
सशस्त्र बलों में बदलाव विषय पर आयोजित सम्मेलन में ‘एकीकृत थिएटर कमान’ शुरू करने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की रूपरेखा पर व्यापक चर्चा हुई। रक्षा मंत्री ने कहा कि इसके लिए हमारे पास एक मजबूत और सुदृढ़ राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचा होना चाहिए। उन्होंने कमांडरों से सशस्त्र बलों के शस्त्रागार में पारंपरिक और आधुनिक युद्ध उपकरणों के सही मिश्रण की पहचान करने और उसे शामिल करने का भी आह्वान किया।
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सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी उपस्थित रहे।