पाकिस्तान में भारतीय फिल्में और सीरियल्स दिखाने को लेकर शहबाज शरीफ की सरकार ने देश भर के केबल ऑपरेटर्स के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है और पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई केबल ऑपरेटर्स के दफ्तर पर छापे मारे गये हैं। पाकिस्तानी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वाचडॉग ने गुरुवार को केबल ऑपरेटर्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है।
केबल ऑपरेटर्स पर छापे
पाकिस्तान में इलेक्ट्रॉनक मीडिया और केबल ऑपरेटर्स को नियंत्रित करने वाली संस्था “पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्युलेटरी अथॉरिटी (PEMRA)” ने केबल ऑपरेटर्स के दफ्तर पर छापे मारे हैं औऱ इस दौरान चार केबल ऑपरेटर्स के दफ्तर से भारतीय फिल्मों और सीरियर्स प्रसारित करने वाले उपकरण मिले हैं। पाकिस्तान में भारतीय कंटेट के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा हुआ है, मगर उसके बाद भी कई केबल ऑपरेटर्स भारतीय फिल्मों और सीरियल्स का अवैध तरीके से प्रसारण कर रहे थे।
कहां कहां मारे गये छापे?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, PEMRA के अधिकारियों ने M/s Sharjah Cable Network, M/s Karachi Cable Services, M/s New Satellite Communication and M/s Star Digital Cable Network के दफ्तरों पर छापेमारे हैं और इन सबके दफ्तर कराची में स्थित हैं। PEMRA ने अपने बयान में कहा है, कि छापे के दौरान, अवैध उपकरण जब्त किए गये हैं और सरकार के आदेश का उल्लंघन करने वाले केबल ऑपरेटर्स को नोटिस जारी किए गये हैं। पेमरा ने केबल ऑपरेटरों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जानबूझकर उल्लंघन करने की रिपोर्ट पर देश में एक ऑपरेशन शुरू किया है। PEMRA ने देश के सभी केबल टीवी ऑपरेटरों को भारतीय चैनलों/सामग्री को प्रसारित करने पर फौरन रोक लगा दिया है और ऐसा करने वालों के खिलाल मुकदमा दायर किया गया है।
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2016 में लगाया गया था प्रतिबंध
आपको बता दें कि, साल 2016 में PEMRA ने स्थानीय टेलीविजन और एफएम रेडियो चैनलों पर भारतीय सामग्री को प्रसारित करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, लाहौर उच्च न्यायालय ने 2017 में इस प्रतिबंध को हटा दिया था और इसे शून्य घोषित कर दिया था, क्योंकि पाकिस्तान सरकार को उस वक्त भारतीय कंटेट को लेकर कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन, साल 2018 में, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने लाहौर उच्च न्यायालय के आदेश के फैसले को पलटते हुए देश भर में टीवी चैनलों पर भारतीय सामग्री को प्रसारित करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला ‘बदले की कार्रवाई’ के तौर पर देखी गई, क्योंकि भारत में भी पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने और पाकिस्तानी कंटेट दिखाने पर रोक लगा दी गई थी।