संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया और उन पर भारतीय संविधान में निहित सिद्धांतों का पालन न करने का आरोप लगाया। कांग्रेस के संविधान रक्षक अभियान के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आरएसएस के साथ मिलकर दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जैसे हाशिए पर पड़े समुदायों के खिलाफ सामाजिक बाधाओं को मजबूत करने का काम कर रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपको गारंटी देता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान नहीं पढ़ा है। अगर उन्होंने पढ़ा होता, तो वे वह काम नहीं करते जो वे हर दिन करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान केवल एक किताब नहीं है, बल्कि इसमें भारत के हजारों सालों के सत्य और अहिंसा के मूल्यों का समावेश है। उन्होंने कहा कि यह हिंसा की अनुमति नहीं देता; यह अहिंसा का मार्ग दिखाता है।
राहुल गांधी ने फिर अलापा जाति आधारित जनगणना का राग
गांधी ने कांग्रेस द्वारा शासित राज्यों में जाति आधारित जनगणना कराने की अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई। तेलंगाना में चल रही जाति जनगणना को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर पूरे देश में इसी तरह के उपाय लागू किए जाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि दलितों, आदिवासियों और ओबीसी की प्रगति में बाधा डालने वाली दीवार को भाजपा और आरएसएस द्वारा मजबूत किया जा रहा है। हमारी सरकार न केवल इस दीवार को कमजोर करेगी बल्कि इसे गिरा भी देगी। उन्होंने आगे बताया कि शिक्षा और मीडिया जैसे क्षेत्रों में व्यवस्थागत भेदभाव मौजूद है, जहाँ हाशिए पर पड़े समुदायों का प्रतिनिधित्व नहीं है, चाहे वे एंकर हों या मीडिया मालिक।
राहुल गांधी ने संविधान को बताया न्याय का साधन
युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि बहुत से लोग इंजीनियरिंग या मीडिया में करियर बनाना चाहते हैं, लेकिन व्यवस्थागत बाधाएं अक्सर उन्हें अवसर नहीं देती हैं। उन्होंने कहा कि आज मीडिया स्वामित्व या एंकरों में पिछड़े समुदायों का शायद ही कोई प्रतिनिधित्व है। यह उनके लिए उपलब्ध विषम अवसरों को दर्शाता है।
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संविधान को न्याय का साधन बताते हुए राहुल गांधी ने इसके मूल्यों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया, जिन्हें उन्होंने कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश की पूरी व्यवस्था दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के लोगों के खिलाफ काम कर रही है। संविधान के दृष्टिकोण को बहाल करना हमारी जिम्मेदारी है।