उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीते दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए 4 लोगों की मौत के लिए अभी तक पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। विपक्ष लगातार पुलिसिया कार्रवाई को लेकर बड़े बड़े सवाल खड़ा करती नजर आ रही थी। लेकिन सोमवार को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मृतकों की मौत की असली वजह उजागर हो गई है। दरअसल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि पीड़ितों की मौत देसी पिस्तौल से चली गोलियों से हुई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा
संभागीय आयुक्त आंजनेय सिंह ने बताया कि रविवार की झड़पों में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि पीड़ितों की मौत देसी पिस्तौल से चली गोलियों से हुई है । ज्यादातर मामलों में मौत का कारण आग्नेयास्त्र की चोट थी जो संभवतः 315 बोर की गोली से लगी थी।
उन्होंने कहा कि ऐसी गोलियां देसी पिस्तौल से चलाई जाती हैं और गोली के घावों से पता चलता है कि गोलियां बहुत पास से चलाई गई थीं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मी मुख्य रूप से पेलेट गन का इस्तेमाल कर रहे थे। क्या ये लोग प्रदर्शनकारियों के दूसरे समूह द्वारा चलाई गई गोलियों से मारे गए, यह जांच का विषय है।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि हमें ऐसे वीडियो मिले हैं जिनमें दंगाइयों में शामिल कुछ नकाबपोश लोग पथराव कर रहे थे। मृतकों को बहुत करीब से गोली मारी गई थी, जबकि पुलिस की टीमें उनसे काफी दूर थीं। ये सभी बातें जांच का हिस्सा हैं। मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिए गए हैं। संभल में रविवार सुबह हुई हिंसक झड़पों में घायल हुए दो और लोगों की सोमवार को मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई।
संभल हिंसा मामले में 2500 से अधिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज
घटना के सिलसिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल महमूद सहित 2,500 से अधिक लोगों के खिलाफ सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। अधिकारियों ने 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और ड्रोन फुटेज का उपयोग करके अतिरिक्त अपराधियों की पहचान कर रहे हैं।
संभल में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं और सोमवार को स्कूल बंद रहे। 1 दिसंबर तक इलाके में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है और पुलिस ने झड़प वाली जगह जामा मस्जिद के आसपास के इलाके को सील कर दिया है, जबकि संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया जा रहा है।
संभागीय आयुक्त सिंह ने कहा कि 15 पहचाने गए व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि बाकी आरोपी अज्ञात हैं। एक घायल नागरिक और एक पुलिस अधिकारी की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों के परिवारों को सूचित किया गया है कि वे भी एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने कहा, सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और विधायक के बेटे सोहेल महमूद आरोपियों में शामिल हैं।
पुलिस ने सपा सांसद और विधायक के बेटे पर लगाया साजिश का आरोप
झड़पें रविवार की सुबह शुरू हुईं जब भीड़ ने पुलिस और 16वीं सदी की शाही जामा मस्जिद का अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण कर रही एएसआई टीम पर पत्थर फेंके। सर्वेक्षण एक याचिका के बाद शुरू किया गया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि मुगल सम्राट बाबर ने मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया था।
सपा प्रमुख ने बर्क के खिलाफ एफआईआर की आलोचना की
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बर्क के खिलाफ एफआईआर की आलोचना करते हुए कहा कि बर्क जिले में था ही नहीं, फिर भी उसका नाम एफआईआर में दर्ज कर दिया गया।
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पुलिस की गोलीबारी में पांच लोगों – नईम, कैफ, नुमान, बिलाल और अयान की जान चली गई। उपचुनावों के दौरान चुनावी गड़बड़ियों से ध्यान हटाने के लिए यह सरकार की एक पूर्व नियोजित साजिश थी।