राष्ट्रपति मुर्मू ने 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया

राष्ट्रपति मुर्मू ने 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को देशभर के 45 शिक्षकों को शिक्षण में अनुकरणीय योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किए। शिक्षण के नए तरीकों से लेकर, छात्रों के विकास के प्रति समर्पण और कठिन परिस्थितियों में सीखने की उपलब्धियों को बढ़ाने के प्रयासों को लेकर विजेताओं को वार्षिक पुरस्कार समारोह में सम्मानित किया गया।

नवोन्मेषी शिक्षण पद्धति से लेकर प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करने तक पुरस्कार विजेताओं ने पूरे भारत में युवाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पुरस्कार पाने वालों में आंध्र प्रदेश के मायलावरम में डॉ. लकीरेड्डी हनीमीरेड्डी गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज के तेलुगु संकाय के एम देवानंद कुमार भी शामिल हैं, जिन्हें उनके अभिनव शिक्षण के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।

उनके प्रशस्ति पत्र में लिखा है, उनके कार्यों में थल्लापत्र ग्रंथ (ताड़ के पत्ते पर लिखी पांडुलिपियां) बनाना, एलएमएस के लिए शैक्षिक वीडियो बनाना और शिक्षा में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जित करना शामिल है। इसी प्रकार, अरुणाचल प्रदेश के राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान संकाय के प्रशांत कुमार साहा को फोरेंसिक मनोविज्ञान और न्यूरोसाइकोलॉजी में उनकी विशेषज्ञता के लिए सम्मानित किया गया है। उन्हें फॉरेंसिक मनोविज्ञान और न्यूरोसाइकोलॉजी में शिक्षण का 14 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है।

पुरस्कार वितरण समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत की। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि शिक्षक आमतौर पर छात्रों को होमवर्क (गृह कार्य) देते हैं, लेकिन वह उन्हें एक होमवर्क देना चाहते हैं कि वे स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने वाले अभियानों का नेतृत्व करें और मेक इन इंडिया तथा वोकल फॉर लोकल आंदोलनों को मजÞबूत करें।