लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले ही ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) और असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के आपसी गठबंधन का बुधवार को सियासी तलाक हो गया है। ओमप्रकाश राजभर की भाजपा प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से हुई मुलाकात के बाद से एआईएमआईएम (AIMIM) नाराज है।
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के मोर्चे में बुधवार रात दरार आ गई है। असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM ने ‘भागीदारी संकल्प मोर्चे’ से अलग होने के संकेत दिये हैं। राजभर के BJP प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मिलने पर ये बवाल हुआ है।
‘कौम के साथ धोखा नहीं होने देंगे’ : असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM के प्रवक्ता आसिम वकार ने (सुभासपा) प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) पर बड़ा बयान दिया है। वकार ने कहा, हमारी पार्टी के नेता और हमारा अपमान हुआ है। असीम वकार ने स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात को लेकर ओपी राजभर के बारे में काफी भलाबुरा कहा है. उन्होंने कहा, अपनी कौम के साथ धोखा नहीं होने देंगे।
स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात बनी वजह : पूर्व मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की थी। जिससे नई अटकलों को बल मिला है। उनकी मुलाकात के बाद अब भगवा पाले में राजभर की वापसी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। सुभासपा 2019 तक भाजपा की सहयोगी थी, जब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने राजभर को अपने मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था।
अन्य दलों से समर्थन पाने की कोशिश में हैं राजभर : 2022 के चुनाव के लिए राजभर अन्य दलों से समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और ओबीसी श्रेणी के विभिन्न समूहों से समर्थन हासिल करने के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया है। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ उनका गठबंधन है। ओवैसी की नजदीकी वजह से राजभर सपा से गठबंधन नहीं कर पा रहे हैं।