गुजरात के मोरबी में केबल पुल टूटने (Morbi Bridge Collapse) से हुए दर्दनाक हादसे में करीब 140 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे के बाद पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को गांधीनगर (Gandhinagar) में मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर उच्च स्तरीय बैठक (High-Level Meeting) की अध्यक्षता की. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को राहत और बचाव कार्य की जानकारी दी गई. उन्होंने प्रभावित लोगों को हर संभव मदद करने के निर्देश दिए. मालूम हो कि मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के घटनास्थल पर जारी की संभावना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, गुजरात के मुख्य सचिव और डीजीपी समेत राज्य के गृह विभाग और गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कई शीर्ष अधिकारी शामिल रहे.
9 लोगों की हुई गिरफ्तारी
मोरबी केबल पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा ग्रुप के चार कर्मचारियों समेत नौ लोगों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही, जिन कंपनियों को इसके (पुल के) रखरखाव एवं संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. राजकोट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अशोक यादव ने कहा, ‘मोरबी हादसे में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनमें पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा समूह के 2 प्रबंधक और दो टिकट बुकिंग क्लर्क भी शामिल हैं.”
सीएम, गृह राज्य मंत्री ने संभाला हुआ है मोर्चा
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाये जा रहे बचाव अभियान की निगरानी के लिए रविवार रात मोरबी में ही डेरा डाले रहे. राज्य की राजधानी गांधीनगर से करीब 300 किमी दूरी पर स्थित एक सदी से अधिक पुराना यह केबल पुल रविवार शाम साढ़े छह बजे टूट गया. राज्य सूचना विभाग ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के पांच दल, राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की छह पलटन, वायुसेना का एक दल, थलसेना की एक दो टुकड़ियां और नौसेना के दो दलों के अलावा स्थानीय बचाव दल भी (बचाव) अभियान में जुटे हुए हैं. आईजी ने कहा, ‘बचाव अभियान अब भी जारी है.’
गैर इरादतन हत्या का आरोप
पुलिस ने उन एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है, जिन्हें इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी. मोरबी ‘बी’ डिवीजन पुलिस थाने में रविवार रात दर्ज की गई प्राथमिकी में, पुलिस ने केबल पुल के रखरखाव और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार एजेंसियों को मुख्य आरोपी बनाया है, जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए थे.
मोरबी ‘बी’ डिवीजन पुलिस थाने के निरीक्षक प्रकाश डेकीवाडिया ने कहा कि केबल पुल को पिछले कुछ महीनों से उपयोग में नहीं लाया जा रहा था, क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने इसकी मरम्मत के लिए निजी एजेंसी की सेवा ली थी. प्राथमिकी के अनुसार, एजेंसी के लोगों के ‘लचर रवैये’ के चलते यह घटना हुई. इसमें कहा गया है कि संबद्ध व्यक्तियों या एजेंसियों ने रखरखाव एवं मरम्मत कार्य की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा.
प्राथमिकी में कहा गया है कि एजेंसी ने पुल के रखरखाव और प्रबंधन में लचर रवैया रहने से लोगों की मौत हो सकने को जानते हुए भी उसे लोगों के लिए खोल दिया. पुलिस अधीक्षक राहुल त्रिपाठी ने कहा, ‘हमने एक प्राथमिकी दर्ज की है और ओरेवा कंपनी के उस कर्मचारी से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं जो कल (रविवार को) पुल पर ड्यूटी पर था.’