भाजपा जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने चुनाव प्रचार में कोई भी कमी नहीं छोड़ रही है। अभी बीते दिनों जहां केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यहां जनसभाओं को संबोधित किया था। वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जम्मू कश्मीर में पहुंचे हैं। यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आतंकवादियों को अल्टीमेटम दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है, जहां उनकी सरकार ने वंशवादी राजनीति का मुकाबला करने के लिए एक नया नेतृत्व पेश किया है जिसने इस खूबसूरत क्षेत्र को नष्ट कर दिया है।
जम्मू क्षेत्र के डोडा जिले में भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम और आप मिलकर जम्मू-कश्मीर को देश का एक सुरक्षित और समृद्ध हिस्सा बनाएंगे। 18 सितंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले प्रधानमंत्री की यह पहली चुनावी रैली थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जम्मू-कश्मीर विदेशी ताकतों के निशाने पर आ गया और वंशवादी राजनीति ने इस खूबसूरत क्षेत्र को भीतर से खोखला कर दिया। राजनीतिक वंशवादियों ने अपने बच्चों को आगे बढ़ाया और नए नेतृत्व को उभरने नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2014 में केंद्र में सत्ता में आने के तुरंत बाद युवा नेतृत्व को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सोच और नीयत क्या है, ये उनके अध्यक्ष की बातों से भी साफ हो जाता है। वो यहां आकर कहते हैं कि ‘अगर हमें 20 सीटें ज्यादा आतीं, तो मोदी सहित भाजपा के सभी नेता जेल में होते’। क्या यही एक एजेंडा है इनका?
पीएम मोदी ने हमला करते हुए कहा कि इन लोगों ने बाबा साहेब के बनाए संविधान की आत्मा को नोच दिया था। क्या कारण था कि हमारे जम्मू-कश्मीर में दो संविधान चलते थे। क्यों यहां के लोगों को वो हक नहीं मिलता था, जो बाकी देश में मिलता था। ये दिखावा अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए कर रहे हैं।
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आपको बता दें कि पीएम मोदी की इस रैली से कुछ घंटे पहले ही सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए गए हैं। हालांकि अभी तक इन आतंकियों की पहचान नहीं हो सकी है। यह मुठभेड़ पट्टन के चक टप्पर गांव में हुई। सुरक्षा की दृष्टि से सेना मुस्तैदी से डटी हुई है।