बीते दिन उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में मतदान किये गए। इनमें से मुजफ्फरनगर का मीरापुर विधानसभा उपचुनाव चर्चा का विषय रहा। इस उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से शिकायत करते हुए यूपी पुलिस पर मुस्लिम महिलाओं को डराने और उनका आईडी कार्ड चेक करने का आरोप लगाया। इसी क्रम में उन्होंने बीते दिन एक वीडियो भी शेयर किया, लेकिन इस वीडियो को लेकर लोगों ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई है।
अखिलेश यादव ने शेयर किया वीडियो
दरअसल, अखिलेश यादव ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर अपने हाथ में पिस्तौल पकड़े हुए दिखाई दे रहा है। इस वीडियो में कई महिलाएं पुलिसकर्मियों के सामने खड़ी दिखाई दे रही हैं। वे पुलिस से गोलियां न चलाने के लिए कह रही हैं और उन्हें तुरंत कुछ रोकने का आश्वासन दे रही हैं। वहीं, एक पुलिस इंस्पेक्टर को पिस्तौल थामे दूर खड़े कुछ लोगों को चेतावनी देते हुए सुना जा सकता है। सड़क पर कई पत्थर पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।
अखिलेश यादव ने वीडियो शेयर करने के साथ ही लिखा कि चुनाव आयोग को मीरापुर के काकरवाली थाना क्षेत्र के एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) को तुरंत निलंबित करना चाहिए क्योंकि वह मतदाताओं को रिवॉल्वर दिखाकर वोट डालने से रोक रहे हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में चुनाव आयोग समेत कई हैंडल को टैग किया।
लोगों ने सपा प्रमुख की आलोचना की
हालांकि, लोगों ने अखिलेश यादव के सामने सच्चाई रख दी है क्योंकि कई नेटिज़न्स ने घटना का पूरा वीडियो अपलोड किया है जो उनके ट्वीट के नीचे 1 मिनट 48 सेकंड का है। भीड़ को दंगा करते और पुलिसकर्मियों पर हमला करते देखा जा सकता है। कई महिलाएं घरों की छतों पर खड़ी हैं। हमले से बचने के लिए पुलिसकर्मी दीवारों के पीछे छिप रहे हैं। फुटेज के अंत में एक पुलिसकर्मी हाथ में पिस्तौल लेकर दंगाइयों को भगाने की कोशिश करता हुआ दिखाई देता है।
मामले की वास्तविकता
वीडियो में दिख रहे पुलिस इंस्पेक्टर का नाम राजीव शर्मा है। वह वर्तमान में एसएचओ काकरौली हैं। मुजफ्फरनगर पुलिस ने अखिलेश यादव के ट्वीट को साजिश करार दिया है। मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आईपीएस अभिषेक सिंह ने कहा कि एक लंबे वीडियो का संपादित हिस्सा एक सुनियोजित साजिश के तहत शेयर किया जा रहा है। उन्होंने शर्मा की कार्रवाई को स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि कार्रवाई चल रही है और उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
दरअसल, आईपीएस अभिषेक सिंह के मुताबिक, दो पक्षों के बीच संघर्ष की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। पुलिस के पहुंचते ही कुछ लोगों ने रास्ता रोकने की कोशिश शुरू कर दी। पुलिस ने जैसे ही बैरिकेड हटाने की कोशिश की, हमलावरों ने उन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने आवश्यक बल प्रयोग किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उपद्रवी इलाके से भाग गए और महिलाओं को आगे कर दिया।
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AIMIM उम्म्मीद्वार के बेटे ने भी की पुलिस से बदतमीजी
मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान यातायात अवरोध और पथराव के अलावा मतदान केंद्र में मोबाइल फोन लाने की भी कोशिश की गई। मीरापुर विधानसभा में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के उम्मीदवार अरशद राणा के बेटे अब्दुल्ला ने मोबाइल फोन लेकर बूथ में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने जब उसे रोका तो वह झगड़ने लगा। हालांकि अब्दुल्ला के शोर-शराबे का पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ और उसे बिना मोबाइल फोन के ही बूथ में जाना पड़ा।
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