लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों को कम करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने IIT खड़गपुर और रोड सेफ्टी नेटवर्क के साथ मिलकर “सेफ सिस्टम अप्रोच” लागू करने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह साझेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुई। इस पहल का उद्देश्य उत्तर प्रदेश की सड़कों को सुरक्षित बनाना और दुर्घटनाओं में हो रही जानमाल की हानि को कम करना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, सड़क दुर्घटनाओं से मरने वालों की संख्या COVID-19 से भी अधिक है। हमें कानूनों के सख्त पालन, जनता में जागरूकता और तकनीकी सहायता से इस चुनौती का समाधान करना होगा। IIT खड़गपुर का सहयोग हमारी योजनाओं को तकनीकी मजबूती देगा।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा,”सड़क सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। वैज्ञानिक रणनीतियों और कड़ाई से कानून लागू कर हम हर नागरिक के लिए सुरक्षित सड़कें सुनिश्चित करेंगे।
MoRTH 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 2023 में 23,652 मौतें और 44,500 से अधिक सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। इनमें से 70% मौतें ओवरस्पीडिंग के कारण हुईं।
इस नई पहल में उच्च जोखिम वाले मार्गों पर स्पीड मैनेजमेंट,सुरक्षित सड़क डिज़ाइन,टेक्नोलॉजी आधारित दुर्घटना डेटा प्रबंधन,सार्वजनिक जागरूकता अभियान,जिला स्तर पर परामर्श और स्थानीय भागीदारी शामिल होंगे।
IIT खड़गपुर के प्रोफेसर डॉ. भार्गव मैत्रा ने कहा, हम हर हस्तक्षेप को डेटा पर आधारित बनाएंगे और उसके प्रभाव की निगरानी करेंगे। स्पीड कंट्रोल सबसे ज़रूरी कदम है।
Consumer VOICE के CEO अशिम सान्याल ने जोड़ा,यह साझेदारी ओवरस्पीडिंग, हेलमेट और सीटबेल्ट न पहनने, शराब पीकर ड्राइविंग जैसे खतरों से निपटने में मदद करेगी।
साझेदारी के पहले चरण में राज्यव्यापी विश्लेषण और जिला स्तर पर चर्चा होगी। नियमित रिपोर्टिंग और निगरानी से पारदर्शिता और दीर्घकालिक असर सुनिश्चित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश रोड सेफ्टी मिशन
यह मिशन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और जीवन बचाने के लिए नीति, टेक्नोलॉजी और जन भागीदारी के माध्यम से स्थायी समाधान लागू करता है। IIT खड़गपुर देश का अग्रणी संस्थान है जो सड़क सुरक्षा, ट्रांसपोर्ट इंजीनियरिंग और नीति निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाता है।