अभी तक मीडिया गलियारों में यह खबर बहुत तेजी से फ़ैल रही थी कि आगामी 2 अक्टूबर को भारतीय सिनेमा घरों में पाकिस्तानी फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ रिलीज होगी। हालांकि, इस खबरों के खिलाफ देश में फैले आक्रोश को देखते हुए अब यह फिल्म भारत में रिलीज नहीं होगी।
दरअसल, यह निर्णय पाकिस्तान में लंबे समय से चली आ रही उस नीति के जवाब में आया है जिसके तहत 2019 में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से भारतीय फिल्मों को देश में दिखाए जाने पर रोक है।
पहले यह फिल्म भारत में 2 अक्टूबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन हालिया अपडेट के अनुसार ऐसा नहीं होगा और कोई भी भारतीय सिनेमा हॉल इस फिल्म को प्रदर्शित नहीं करेगा।
ज़ी स्टूडियोज़ ने इस ऑल-टाइम हाई-ग्रॉस पाकिस्तानी फ़िल्म के भारतीय अधिकार खरीदे थे। दिसंबर 2022 में, निर्माताओं ने पंजाबी बोलने वालों को लक्षित करने के लिए पंजाब और दिल्ली में फ़िल्म रिलीज़ करने की योजना बनाई थी।
हालाँकि, फ़िल्म की रिलीज़ की घोषणा ने देश में भारी आक्रोश पैदा कर दिया। नेटिज़ेंस ने यह कहते हुए अपना आक्रोश दर्ज किया कि पाकिस्तानी फ़िल्मों को भारत में रिलीज़ नहीं किया जाना चाहिए, खासकर तब जब इस्लामिक रिपब्लिक भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करना जारी रखता है।
इसके अलावा, फिल्म में अभिनेता हमजा अली अब्बासी ने भी काम किया था, जो 26/11 के आतंकवादी मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रशंसक माने जाते हैं, जिस कारण भी फिल्म विवाद में रही थी।
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बता दें, ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ साल 2022 में दुनियाभर में रिलीज हुई थी और कमर्शियल हिट हुई थी। साल 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद, भारत में पाकिस्तानी फिल्मों और देश में काम करने वाले पाकिस्तानी कलाकारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। कई कलाकारों ने भी देश के सम्मान में इस फैसले को स्वीकार किया।