बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश के बाद अब एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया है। दरअसल, ओवैसी ने अपने बयान में जातीय जनगणना को पिछड़े वर्ग के उत्थान का रास्ता बताया है।

नीतीश के बाद जातीय जनगणना पर ओवैसी ने दिया बड़ा बयान
ओवैसी ने कहा है कि जातिगत जनगणना को लागू करना पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए बेहद ज़रूरी है। उन्होंने जनगणना कराए जाने की वकालत करते हुए कहा कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। मोदी जी के पास संसदीय शक्ति है, उन्हें कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओबीसी का उप-वर्गीकरण भी ज़रूरी है।
आपको बता दें कि इसके पहले सोमवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग को लेकर 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। बिहार के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में ओवैसी की पार्टी के नेता अख्तरुल ईमान भी शामिल थे।
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी बातों को गंभीरता से सुना। काफी सकारात्मक बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि अब हमें उनके निर्णय का इंतजार है। पीएम मोदी ने हमारी बात खारिज नहीं की। उम्मीद है कि पीएम हमारी बात पर गौर करेंगे।
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नीतीश कुमार की अगुवाई में पीएम मोदी से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में राजद नेता तेजस्वी यादव, जदयू नेता विजय कुमार चौधरी, बीजेपी नेता राम जनक, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा भाकपा माले महबूब आलम, हम मुखिया जीतनराम मांझी, वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी, भाकपा नेता सूर्यकांत पासवान, एआईएमआईएम नेता अख्तरुल ईमान और माकपा नेता अजय कुमार शामिल थे।
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