भारतीय प्रवासी सम्मेलन में आए प्रवासी मेहमानों का स्वागत करते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमारा तो खून का रिश्ता है, पासपोर्ट का नहीं। 12 लाख प्रवासी भारतीय हैं। भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। दूर रहकर भी बड़ा जुड़ाव रखते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ सराफा बाजार ही नहीं जाएं, छप्पन दुकानों को भी देखें।
उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों बाद हम 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। इसके बाद हम अगले 25 सालों की रूपरेखा तैयार करना है। इसमें विदेशी प्रवासियों की अहम भूमिका रहेगी। आप इस समय इंदौर में हैं। मुझे लगता है कि अगर मैंने माननीय मुख्यमंत्री को धन्यवाद नहीं दिया तो मैं चूक जाऊंगा। इंदौर सबसे क्लीन सिटी है और मध्य प्रदेश की सबसे अच्छी सिटी है। सराफा बाजार हैं, मैं सराफा बाजार तो नहीं गया लेकिन 56 दुकान गया था। वहां भी जरूर जाइये। इंदौर स्वच्छ शहर ही नहीं बल्कि इंदौर बड़े दिल वालों का शहर है।
विदेश मंत्री ने कहा कि कहा कोविड के बाद से एनआरआई समाज बेहद गंभीर दौर से गुजरा है। इसको भारत सरकार ने बारीकी से समझा है। आपको जानकार खुशी होगी कि भारत ने कोविड की चुनौतियों का बेहद मुस्तैदी से सामना किया। विदेश मंत्री ने भारत सरकार की कई योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन योजनाओं ने भारत को आत्मनिर्भर बनाया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर संवाद कायम किया है। वीजा प्रक्रिया की जटिलताएं दूर कर सरल बनाया है। भारत का फोकस सारे देशों से मजबूत संबंध स्थापित करने का है और इसके अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों को अपने पूर्वजों की माटी से जोड़ने के लिए भारत सरकार कई कार्य कर रही है। हमेशा भारत को जानें कार्यक्रम जैसी योजनाओं में सुधार की गुंजाइश है, जिसे हम भारत को जानो प्रश्नोत्तरी और गैस उत्पादन के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम का विस्तार करने का इरादा रखते हैं। प्रवासी भारतीयों के बच्चे भारत को जानें, इस पर भी फोकस है।
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उन्होंने कहा कि भारत हमारी आखों के सामने तेजी से बदल रहा है। इन दिनों हम एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है की सही दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान करते हुए देश और विदेश में भारतीय युवा चुनौती का सामना करेंगे और इस देश को अधिक से अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेंगे। भारतीय युवा सभी चुनौतियों का स्वीकार करके देश और विदेश में नए आयाम तय कर रहे हैं।