कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जब बोलते हैं तो हंगामा हो जाता है। लंदन के कैंब्रिज विश्विवद्यालय में उन्होंने भारत के बारे में राय रखी जिसमें लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर किए जाने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बताया। आरोप यह लगा कि लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए उन्होंने विदेशी मुल्कों से मदद मांगी।हालांकि राहुल गांधी ने कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ और अंदाज में पेश किया गया। इन सबके बीच खबर है कि उन्होंने विदेश मंत्रालय की कंस्लटेटिव कमेटी के सामने लंदन दौरे पर दिए गए बयान पर सफाई पेश की है। उन्होंने कहा किसी तीसरे देश से हस्तक्षेप की बात नहीं बोली थी सिर्फ देश में लोकतंत्र के हालात पर सवाल उठाए थे। लेकिन उन्होंने कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है और हल निकाल लेंगे।
जी-20 के मुद्दे पर थी बैठक
भारत में जी 20 की अध्यक्षता को लेकर विदेश मंत्रालय की कंस्लटेटिव कमेटी की बैठक बुलाई गई थी। शुरुआती सत्र में राहुल गांधी ने कोई टिप्पणी नहीं की
लेकिन अंत में वे कई विषयों पर बोलने लगे। उनका कहना था कि अन्य सांसदों ने भी विषय से हट कर बोला। इसे लेकर बीजेपी सांसदों ने उन्हें टोका।अन्य विपक्षी सांसदों और बीजेपी सांसदों के बीच तीखी बहस भी हुई। समिति के अध्यक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी को टोकते हुए कहा कि उन्हें केवल विषय पर ही बोलना चाहिए। इससे पहले बीजेपी सांसदों ने कहा कि भारत की जी 20 की अध्यक्षता से ध्यान भटकाने के लिए कई लोग प्रयास कर रहे हैं।
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समिति के सामने राहुल की सफाई
यह भी कहा गया कि भारत के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा धब्बा आपातकाल था इसी पर राहुल ने अंत में कहा कि कुछ सांसदों ने विषय से हट कर बोला इसलिए वे भी इस पर जवाब देंगे। जयशंकर ने उन्हें टोका और कहा कि बैठक के विषय पर भी टिप्पणी के अलावा राजनीतिक विषयों पर विमर्श नहीं होनी चाहिए। विदेश मंत्री जयशंकर ने उन्हें यह भी कहा कि वे जो कुछ भी बोलना चाहें, संसद में बोल सकते हैं। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन, बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिंहराव, महेश जेठमलानी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और शशि थरूर, टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, शिवसेना उद्धव सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, जेडीयू सांसद अनिल हेगड़े मौजूद थे।