मौनी अमावस्या के दिन पितरों को करें तर्पण, पिृत दोष से मिल जाएगी मुक्ति…

ज्योतिषाचार्य एस. एस. नागपाल

माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष मौनी अमावस्या 11 फरवरी को है। अमावस्या तिथि 10 फरवरी को रात 1:08 से प्रारम्भ होकर 11 फरवरी की रात 12:35 तक रहेगी। 

इस दिन पवित्र नदियों में स्नान आदि कर पूरे दिन मौन रहकर उपवास करते है इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है और तिल, तिल का तेल , आंवला , कम्बल आदि वस्त्रों का दान करना चाहिए। जिनकी कुंडली में पिृत दोष है उनको पितरों को तर्पण आदि कर दान-दक्षिणा करने से पिृत दोष से मुक्ति मिलती है।

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प्रयाग में माघ माह की अमावस्या में त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है माघ अमावस्या के दिन संगम  तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है। मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और छह ग्रह सूर्य बुध गुरु चंद्र शुक्र शनि मकर राशि में महासंयोग बना रहे हैं। इस शुभ संयोग को महोदय योग कहते हैं। मान्यता है कि महोदय योग में कुंभ में डुबकी और पितरों का पूजन करने से अच्छे फलों की प्राप्ति होती है।