महाकुंभ नगर। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर अखाड़ों का द्वितीय अमृत स्नान बुधवार दोपहर से प्रारंभ हुआ। हालांकि, इससे पहले तड़के संगम नोज पर भगदड़ मचने की घटना के कारण यह स्नान निर्धारित समय से विलंब से शुरू हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अखाड़ों के साधुओं ने इस बार परम्परागत लाव-लश्कर के बिना ही संगम तट पर पहुंचकर स्नान किया। भगदड़ की अप्रत्याशित घटना को देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सुबह के निर्धारित समय पर अमृत स्नान स्थगित करने का निर्णय लिया था। परिषद ने यह तय किया कि जब भीड़ कुछ कम हो जाएगी, तब संतगण स्नान करेंगे।
आप को बताते चलें कि बुधवार तड़के संगम नोज पर लगे बैरियर के टूटने से वहां भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों को तत्परता से मेला क्षेत्र में बने अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है।
इससे पूर्व, जब सभी संत-महात्मा तथा नागा संन्यासी स्नान की तैयारी में थे, तभी भगदड़ की सूचना मिलने पर अखाड़ा परिषद ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अमृत स्नान को कुछ समय के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया।
घटना के बाद अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री योगी ने की बात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना के बाद लखनऊ में अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों, आचार्यों, महामंडलेश्वरों एवं पूज्य संतों से वार्ता की। उन्होंने कहा, “संतों ने बहुत विनम्रता के साथ निर्णय लिया कि पहले श्रद्धालु स्नान करेंगे और जब भीड़ का दबाव कम होगा, तब अखाड़े संगम स्नान के लिए जाएंगे।
हर 12 वर्ष पर आयोजित होने वाला महाकुंभ संगम नगरी प्रयागराज में इस वर्ष 13 जनवरी को प्रारंभ हुआ था और यह 26 फरवरी तक चलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार इस मेले की भव्य मेजबानी कर रही है और अनुमान लगाया जा रहा है कि इस विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में लगभग 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के आगमन की संभावना है।
इस महाकुंभ में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के साथ-साथ संतों के प्रवचनों एवं आध्यात्मिक आयोजनों का भी लाभ उठा रहे हैं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा, यातायात, चिकित्सा और अन्य आवश्यक सुविधाओं को व्यवस्थित रूप से संचालित किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
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