अगर आप भी दिल्ली एनसीआर में रहते हैं साथ ही 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन यूज कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. क्योंकि दिल्ली सरकार अब ऐसे वाहनों को सीधे कबाड़खाने भेजने का काम कर रही है. यही नहीं अब तक लगभग 54 लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन भी रद्द किये जा चुके हैं. आपको बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2014 में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के संचालन पर प्रतिबंद लगा दिया था. लेकिन उसके बावजूद भी दिल्ली में लाखों ऐसे वाहन फर्राटा भरते मिल जाएंगे. जो मानकों के हिसाब से उलंघन के दायरे में आते हैं.
परिवहन आयुक्त की अपील
परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा के मुताबकि, जिस वाहन स्वामी के वाहन की उम्र अधिक हो गई है. उनसे अनुरोध है कि उसकी एनओसी प्राप्त कर लें. साथ ही उसे उस राज्य में बेच दें जहां वह चलने के लिए अधिकृत हो. यदि वाहन शहर की सड़कों पर चलते या पार्क किए जाते हैं, तो संबंधित वाहन को अब सीज नहीं किया जाएगा. बल्कि कबाड़ी को सौंपकर नष्ट करा दिया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में दिल्ली के अंदर वाहनों की संख्या में कमी देखने को मिली है. लेकिन कई ईलाकों में अभी भी पुराने वाहनों को चलाया जा रहा है. इसलिए ऐसे वाहनों को कोजकर उसका रजिस्ट्रेशन रद्द करने का काम किया जा रहा है.
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यूपी में लागू है स्क्रैप पॅालिसी
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी स्क्रैप पॅालिसी के लिए सभी आरटीओ को आदेशित किया गया है. कहा गया है कि यदि किसी के वाहन की उम्र पूरी हो चुकी है तो उसे कबाड़घर भेजा जाए. साथ ही उसका रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाए. आपको बता दें कि दिल्ली में अभी तक 54 लाख से ज्यादा वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिये गए हैं. साथ ही अभी अभियान जारी है. परिवहन विभाग के मुताबिक .यदि कोई वास्तव में अपने वाहन को बचाना चाहता है. तो उसकी एनओसी ले जाए. अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहे.